डीएम की अध्यक्षता में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत जिला सतर्कता एवं मॉनिटरिंग समिति की तृतीय बैठक का आयोजन

अत्याचार का सम्पूर्ण निवारण एवं पीड़ितों को त्वरित गति से न्याय दिलाना प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता; सभी पदाधिकारी इसके प्रति सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्ध रहेंगेः डीएम ने दिया पदाधिकारियों को निदेश

विजय शंकर

पटना, दिनांक 27 अगस्त। जिला पदाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में आज समाहरणालय स्थित सभागार में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 नियम 1995 के तहत गठित जिला सतर्कता एवं मॉनिटरिंग समिति की बैठक हुई। कैलेण्डर वर्ष 2024 में समिति की यह तृतीय बैठक थी। बैठक में माननीय विधायक, पालीगंज श्री संदीप सौरभ; वरीय पुलिस अधीक्षक, पटना श्री राजीव मिश्रा; उप विकास आयुक्त, पटना श्री तनय सुल्तानिया; अपर समाहर्त्ता विशेष कार्यक्रम, अपर समाहर्त्ता, अपर समाहर्त्ता (लोक शिकायत निवारण), जिला कल्याण पदाधिकारी, सभी अनुमण्डल पदाधिकारी, पटना जिला सहित अन्य पदाधिकारी तथा समिति के सदस्य उपस्थित थे।

जिलाधिकारी ने कहा कि अत्याचार का सम्पूर्ण निवारण एवं पीड़ितों को त्वरित गति से न्याय दिलाना प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। उन्होंने सभी पदाधिकारियों को इसके प्रति सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्ध रहने का निदेश दिया। साथ ही उन्होंने सभी स्टेकहोल्डर्स को इसके लिए दृढ़-संकल्पित रहने की आवश्यकता पर बल दिया।

जिलाधिकारी डॉ. सिंह ने कहा कि सम्पूर्ण प्रशासनिक तंत्र अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के सफल क्रियान्वयन के लिए प्रतिबद्ध है। जिला प्रशासन, पटना द्वारा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के प्रति अत्याचार के विरूद्ध शून्य सहिष्णुता के सिद्धान्त का अक्षरशः अनुसरण किया जा रहा है। अधिनियम अंतर्गत नियम 15 (1) (घ) के तहत सरकारी उपक्रम में रोजगार के मामलों को सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा निर्धारित प्रावधानों के आलोक में आवश्यक कार्रवाई करते हुए पटना जिले में नौकरी हेतु योग्य सभी अश्रित कुल 07 मामलों में समूह ‘घ’ के रूप में सरकारी नौकरी प्रदान की गई है। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि इन सभी कर्मियों की पदस्थापना भी कर दी गई है। जिलाधिकारी ने कहा कि अधिनियम अंतर्गत सभी दर्ज मामलों में प्राथमिकता के आधार पर स्वीकृति, मुआवजा, पेंशन, यात्रा भत्ता आदि का भुगतान किया जा रहा है।

जिला कल्याण पदाधिकारी, पटना द्वारा जिलाधिकारी के संज्ञान में लाया गया कि कैलेण्डर वर्ष 2024 में द्वितीय बैठक तक कुल 278 पीड़ितों के मुआवजा भुगतान हेतु स्वीकृति प्राप्त करते हुए कुल 216.15 लाख रुपये का भुगतान किया गया था। इसी क्रम में तृतीय बैठक में 155 कांडों के कुल 170 पीड़ितों को भुगतान की स्वीकृति प्राप्त करते हुए कुल 120.96 लाख रुपये का भुगतान किया गया। वर्ष 2024 में अब तक कुल 448 पीड़ितों को 337.11 लाख रुपये भुगतान किया गया है।

जिला कल्याण पदाधिकारी द्वारा बैठक में जानकारी दी गयी कि कैलेंडर वर्ष 2024 में कुल 80 पेंशनरों का पेंशन भुगतान किया जा रहा है। जुलाई माह तक यह किया जा चुका है। जिलाधिकारी ने जिला कल्याण पदाधिकारी को निदेश दिया कि पेंशन का भुगतान हमेशा अद्यतन रखें। आवश्यकता के अनुसार उक्त मदों में आवंटन की मांग करते हुए पेंशनरों एवं गंभीर मामलों के पीड़ितों को तत्परता के साथ भुगतान सुनिश्चित किया जाए।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि अधिनियम के तहत लंबित कांडों के निष्पादन हेतु त्वरित अनुसंधान एवं पर्यवेक्षण करने तथा ससमय राहत अनुदान की राशि उपलब्ध कराने के लिए प्रशासन द्वारा सभी कार्रवाई की गयी है। साथ ही उक्त योजना के तहत अन्य सुविधाएं निर्धारित समय में उपलब्ध करायी जाती है। जिलाधिकारी ने कहा कि सुसंगत धाराओं के तहत निर्धारित अवधि में अन्वेषण और आरोप पत्र दाखिल करने के लिए अपेक्षित कार्रवाई सुनिश्चित की जाती है।

आज की इस बैठक में समिति के सदस्य-सचिव-सह-जिला कल्याण पदाधिकारी, पटना श्री राणा वैद्यनाथ कुमार सिंह द्वारा विस्तृत भौतिक एवं वित्तीय प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। डीएम डॉ. सिंह द्वारा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 नियम-1995 के अन्तर्गत आयोजित विगत बैठक के अनुपालन स्थिति की समीक्षा की गई तथा अद्यतन प्रगति का जायजा लिया गया। अधिनियम अंतर्गत दर्ज मामलों की समीक्षा की गई। पुलिस द्वारा प्रतिवेदित एवं निष्पादित कांडों, समर्पित आरोप पत्रों, गिरफ्तारियों एवं मुआवजा भुगतान से संबंधित मामलों के भौतिक एवं वित्तीय प्रतिवेदन पर विस्तृत चर्चा हुई।

बैठक में माननीय विधायकों, जन-प्रतिनिधियों एवं अन्य सदस्यों द्वारा अपना-अपना सुझाव दिया गया। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि सुझावों पर नियमानुसार अपेक्षित कार्रवाई की जाएगी।

अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 नियमावली 1995 के नियम 11(1) के तहत गवाह/साक्षी को माननीय न्यायालय में उपस्थित होने के उपरान्त पटना जिला में कुल 39 व्यक्तियों को यात्रा भत्ता एवं दैनिक भत्ता का भुगतान प्रति गवाह 760/- रुपया किया गया है। पटना जिला में इसके नियमित कार्यान्वयन हेतु सुदृढ़ एवं सुव्यवस्थित प्रणाली विकसित की गई है।

जिलाधिकारी डॉ. चन्द्रशेखर सिंह एवं वरीय पुलिस अधीक्षक श्री राजीव मिश्रा ने अधिकारियों को अधिनियम के तहत प्राप्त होने वाले मामलों को संवेदनशीलता के साथ ससमय निष्पादित करने का निदेश दिया। साथ ही इस अधिनियम के प्रावधानों का वृहत स्तर पर प्रचार-प्रसार करने का निदेश दिया गया।

जिलाधिकारी एवं वरीय पुलिस अधीक्षक ने कहा कि ऐसे मामलों में किसी भी व्यक्ति द्वारा किसी भी प्रकार की सूचना डायल 112 एवं जिला नियंत्रण कक्ष को दी जा सकती है।

जिलाधिकारी एवं वरीय पुलिस अधीक्षक ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि जिला कल्याण पदाधिकारी के सक्षम पर्यवेक्षण में पटना जिला में नियमित तौर पर बैठक हो रही है। अनुमंडलों में भी बैठक हो रहा है। अधिकारीद्वय ने सभी अनुमंडलों में आगे भी नियमित तौर पर समिति की बैठकें आयोजित करते हुए इन बैठकों में सभी संबंधित पदाधिकारियों एवं पुलिस पदाधिकारियों को अनिवार्य रूप से भाग लेने का निदेश दिया।

इस बैठक के बाद समाहरणालय सभाकक्ष में मैनुअल स्कैवेंजर निषेध एवं पुनर्वास अधिनियम, 2013 के अन्तर्गत जिला-स्तरीय मैनुअल स्कैवेंजर समिति की बैठक हुई। जिलाधिकारी एवं वरीय पुलिस अधीक्षक द्वारा अधिनियम के प्रभावी एवं सफलतापूर्वक क्रियान्वयन हेतु सभी स्टेकहोल्डर्स को सजग तथा दृढ़-संकल्पित रहने की आवश्यकता पर बल दिया गया।

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