डीएम ने किया जिला आपूर्ति कार्यालय का निरीक्षण

माह जून, 2023 में 21 दुकानों में अनियमितता के कारण स्पष्टीकरण, पाँच दुकानों की अनुज्ञप्ति को रद्द

विकासात्मक एवं लोक कल्याणकारी कार्यक्रमों का सफल क्रियान्वयन प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता; पदाधिकारीगण इसके लिए सजग, तत्पर तथा प्रतिबद्ध रहेंः डीएम

 

Vijay shankar

 

पटना। जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह द्वारा आज जिला आपूर्ति कार्यालय, पटना का निरीक्षण किया गया। यह एक पूर्व-निर्धारित निरीक्षण था। डीएम ने कहा कि कार्यालय-प्रबंधन की स्थिति अच्छी है। अपर जिला दंडाधिकारी (आपूर्ति) को अभिलेखों का समुचित रख-रखाव सुनिश्चित करने का निदेश दिया गया। डीएम डॉ सिंह द्वारा जन वितरण प्रणाली का शत-प्रतिशत लाभ लक्षित समूह को प्राप्त हो इसे सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना अंतर्गत खाद्यान्न का समय से उठाव एवं वितरण सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया।

 

कार्यालय पहुँच कर जिलाधिकारी द्वारा कर्मियों की उपस्थिति की जांच की गई, उनका परिचय प्राप्त किया गया तथा उनके दायित्वों एवं कार्यों की जानकारी ली गई।

अपर जिला दंडाधिकारी (आपूर्ति)  ब्रजेश कुमार द्वारा जिलाधिकारी के संज्ञान में आपूर्ति कार्यालय से संबंधित तथ्यों तथा योजनाओं के क्रियान्वयन में प्रगति को लाया गया। सरकार के निदेश के आलोक में जिला आपूर्ति कार्यालय दिनांक 18.11.1967 से अनुभाजन से अलग होकर कार्यरत है। वर्तमान में यह कार्यालय हिन्दी भवन, छज्जूबाग, पटना में अवस्थित है। पटना जिलान्तर्गत ग्रामीण क्षेत्र में कुल 23 प्रखण्ड के सभी पंचायत एवं नगर परिषद््/नगर पंचायत शामिल है। पटना नगर निगम के कुल 75 वार्ड, पटना सदर प्रखण्ड का सात पंचायत यथा सोनावां, मरची, फतेहपुर, पुनाडीह, सबलपुर, महुली एवं नकटा दियारा तथा फुलवारी नगर परिषद्् के कुल 28 वार्ड, फुलवारी प्रखण्ड के कुरथौल, नोहसा एवं चिलबिली का अंश तथा दानापुर नगर परिषद्् के वार्ड संख्या 30, 31 एवं 32 अनुभाजन कार्यालय के अंतर्गत है।

 

जिला आपूर्ति कार्यालय का मुख्य दायित्व राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत जिला अन्तर्गत सुयोग्य परिवारों को खाद्यान्न वितरण एवं आपूर्ति तंत्र पर प्रभावी नियंत्रण रखते हुए जन वितरण प्रणाली का शत-प्रतिशत लाभ लक्षित समूह को पहुँचाना है।

वर्तमान में माह दिसम्बर, 2019 से सभी उपभोक्ताओं को खाद्यान्न की आपूर्ति ई-पॉस (e-PoS) मशीन के माध्यम से बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन के आधार पर किया जाता है। विभाग द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम अन्तर्गत आवंटन, उठाव एवं वितरण ऑनलाईन पद्धति के माध्यम से किया जाता है तथा आवंटन, उठाव एवं वितरण से संबंधित डाटा विभाग द्वारा संचालित epos.bihar.gov.in वेबसाईट पर प्रदर्शित होता है। वर्तमान में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाय) केन्द्र सरकार द्वारा स्थगित की गई है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) योजना अन्तर्गत खाद्यान्न का वितरण उपभोक्ताओं के बीच निःशुल्क किया जा रहा है। खाद्यान्न उठाव एवं वितरण की व्यवस्था पूर्णतः पारदर्शी है।

बिहार राज्य खाद्य एवं असैनिक आपूर्ति निगम लि. के अन्तर्गत संचालित राज्य खाद्य निगम, पटना द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के अन्तर्गत डोर स्टेप डिलिवरी योजना के तहत जिले के जन वितरण प्रणाली विक्रेताओं को लाभान्वितों के बीच वितरण हेतु जिले के टीपीडीएस गोदाम से खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाता है। टीपीडीएस गोदामों का संचालन जिले के राज्य खाद्य निगम, पटना द्वारा किया जाता है।

खाद्यान भंडारण हेतु राज्य खाद्य निगम के कुल 21 गोदाम है जिनसे प्रखंडों एवं क्षेत्रों को सम्बद्ध किया गया है। यहाँ से जन वितरण प्रणाली के विक्रेताओं द्वारा खाद्यान्न का उठाव किया जाता है।

राज्य खाद्य निगम के गोदामों का संचालन गोदाम में पदस्थापित सहायक प्रबंधकों के द्वारा किया जाता है। डोर स्टेप डिलिवरी के तहत पटना जिले के ग्रामीण क्षेत्र अन्तर्गत जन वितरण प्रणाली विक्रेताओं को टीपीडीएस गोदाम से व्यापार स्थल तक खाद्यान्न का परिवहन किया जा रहा है। पटना जिला अन्तर्गत कुल छः डोर स्टेप डिलिवरी ट्रांसपोर्टर एवं छः मुख्य ट्रांसपोर्टर कार्यरत है। इस प्रकार डोर स्टेप डिलिवरी से संबंधित डाटा विभाग द्वारा संचालित scm.bihar.gov.in वेबसाईट पर प्रदर्शित है। सभी वाहन जीपीएस युक्त है। जिलाधिकारी द्वारा दंडाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति कर समय-समय पर गोदामों का भौतिक सत्यापन कराने का निदेश दिया गया।

डीएम डॉ. सिंह द्वारा सभी नियमित कर्मियों का सेवापुस्त अद्यतन संधारित करने का निदेश दिया। समीक्षा में पाया गया कि 15 नियमित कर्मियों में केवल 13 नियमित कर्मियों का ही सेवापुस्त संधारित है। प्रधान लिपिक द्वारा बताया गया कि एक लिपिक का सेवापुस्त स्थापना शाखा से नहीं भेजा गया है। एक अन्य कर्मी नवपदस्थापित कार्यालय परिचारी हैं जो किशनगंज से स्थानांतरित होकर जिला आपूर्ति कार्यालय में योगदान दिए हैं। उनका सेवापुस्त कार्यालय को अभी प्राप्त नहीं हुआ है। डीएम डॉ. सिंह द्वारा स्थानांतरित होकर आए कार्यालय परिचारी के संबंध में संबंधित जिला से पत्राचार करने का निदेश दिया गया। साथ ही स्थापना उप समाहर्ता को संबंधित लिपिक का सेवापुस्त एक सप्ताह के अंदर आपूर्ति कार्यालय को उपलब्ध कराने का निदेश दिया गया।

डीएम डॉ. सिंह द्वारा सभी कर्मियों के आकस्मिक अवकाश पंजी में अनुक्रमणिका (इनडेक्स) बनाने का निदेश दिया गया। निरीक्षण में पाया गया कि अनेक कर्मियों का अवकाश लेखा अद्यतन संधारित नहीं है। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि यह आपत्तिजनक है। अपर जिला दंडाधिकारी को निदेश दिया गया कि प्रधान लिपिक एवं संबंधित लिपिक से स्पष्टीकरण करते हुए दो सप्ताह के अंदर सभी कर्मियों के अवकाश लेखा को अद्यतन कर संधारण कराना सुनिश्चित करेंगे।

डीएम डॉ. सिंह द्वारा कार्यालय के सभी संविदा कर्मियों का सेवा अभिलेख सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र के आलोक में अद्यतन संधारित करने का निदेश दिया गया।

डीएम डॉ. सिंह ने अपर जिला दंडाधिकारी को कार्यहित में/स्वीकृत पद के विरूद्ध पदस्थापन हेतु प्रस्ताव उपस्थापित करने का निदेश दिया।

डीएम डॉ. सिंह ने आगत-निर्गत पंजी का समुचित ढंग से रख-रखाव करने का निदेश दिया। उन्होंने कर्म पुस्तिका में मासिक लेखा संधारित करने का निदेश दिया। कर्मपुस्त के अवलोकन में पाया गया कि आवश्यक वस्तु अधिनियम से संबंधित एक महत्वपूर्ण पत्र लिपिक द्वारा प्राप्त किया गया था परन्तु उनके कर्म पुस्त में यह दर्ज नहीं था। न ही संबंधित संचिका में टिप्पणी पृष्ठ पर लिपिक द्वारा कोई टिप्पणी अंकित की गई थी। जिलाधिकारी द्वारा इस पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए संबंधित लिपिक से स्पष्टीकरण करने का निदेश दिया गया।

 

डीएम डॉ. सिंह द्वारा अपर जिला दंडाधिकारी को निदेश दिया गया कि सरकार के निदेशों के अनुरूप अभिलेखों का रख-रखाव सुनिश्चित करेंगे। साथ ही बिहार बोर्ड प्रकीर्णं नियमावली का अनुश्रवण करते हुए कार्यालय प्रधान के तौर पर अपर ज़िला दंडाधिकारी आपूर्ति कार्यालय का वर्ष में कम से कम दो बार निरीक्षण करेंगे।

अपर जिला दंडाधिकारी (आपूर्ति) द्वारा बताया गया कि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार जन वितरण प्रणाली विक्रेता की अनुमान्य संख्या 2009 है। वर्तमान में 1789 जन वितरण प्रणाली विक्रेता कार्यरत हैं। जिलाधिकारी के संज्ञान में लाया गया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अंतर्गत 7,45,143 राशन कार्डधारी हैं जिसमें लाभुकों की कुल सुख्या 34,70,982 है। इसमें पूर्विकताप्राप्त पीएचएच राशन कार्डधारियों की कुल संख्या 6,47,075 तथा लाभुकों की संख्या 30,53,158 है। अंत्योदय राशन कार्डधारियों की कुल संख्या 98,063 तथा लाभुकों की कुल संख्या 4,17,824 है।

जिलाधिकारी ने कहा कि बिजली की लगातार उपलबब्धता एवं किरासन तेल का निर्धारित मूल्य अधिक होने के कारण उपभोक्ताओं के द्वारा किरासन तेल के उठाव में रूचि नहीं ली जाती है। उन्होंने अपर जिला दंडाधिकारी को पिछले एक माह के ट्रेन्ड का अध्ययन करते हुए विभाग को इस संबंध में प्रतिवेदन भेजने का निदेश दिया गया ताकि मांग कम होने के आलोक में विभाग द्वारा किरासन तेल के आवंटन में कमी लाने पर विचार किया जा सके।

माह जून, 2023 में सभी अनुमंडलों में 2,669 जनवितरण प्रणाली की दुकानों में से 924 दुकानों का निरीक्षण किया गया। 21 दुकानों में अनियमितता पाए जाने के कारण स्पष्टीकरण पूछकर कार्रवाई की जा रही है। पाँच दुकानों की अनुज्ञप्ति को रद्द किया गया है । 11 एसएफसी गोदामों का निरीक्षण किया गया। डीएम डॉ. सिंह ने जन वितरण प्रणाली की दुकानों तथा एसएफसी गोदामों का लगातार निरीक्षण करने का निदेश दिया ।

वर्ष 2022 में जनवितरण प्रणाली के 208 दुकान की नई अनुज्ञप्ति हेतु जिला चयन समिति द्वारा चयन किया गया है। मार्च-जुलाई, 2023 में कुल 78 दुकानों का चयन किया गया है। वर्ष 2022 में जनवितरण प्रणाली के 46 दुकान की अनुकम्पा के आधार अनुज्ञप्ति हेतु जिला चयन समिति द्वारा चयन किया गया है। मार्च-जुलाई, 2023 में कुल 28 दुकानों का चयन अनुकम्पा के आधार पर किया गया है। अनुकम्पा से संबंधित कोई भी मामला लंबित नहीं है। जिलाधिकारी द्वारा इस पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए इसे जारी रखने का निदेश दिया गया।

कार्यालय में बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली क्रियाशील है। जिलाधिकारी द्वारा सभी कर्मियों का इसी आधार पर वेतन निकासी सुनिश्चित करने का निदेश दिया गया। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि जरूरतमंदों के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सभी पदाधिकारी इसके लिए सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्ध रहें।

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