ग्राम गरीबी उन्मूलन योजना का जीपीडीपी में एकीकरण – श्री चंद्रशेखर, अपर सचिव, ग्रामीण विकास मंत्रालय

पर्याप्त पानी की उपलब्धता वाले गांव और स्वच्छ तथा हरित गांव बनाकर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ पानी और स्वच्छता की पहुंच सुनिश्चित करना है: निदेशक

नवराष्ट्र मीडिया ब्यूरो 
रांची। शुक्रवार को पंचायती राज विभाग के केन्द्रीय प्रशिक्षण संस्थान, हेहल, राँची में जन योजना अभियान को लेकर राज्य संसाधन दल राज्य स्तरीय तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का समापन हो गया। कार्यशाला में पंचायती राज मंत्रालय के अपर सचिव श्री चंद्रशेखर, ने ग्राम पंचायत की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए समग्र जीपीडीपी तैयार करने में ग्रामीण स्थानीय निकायों और ग्राम सभाओं में बदलाव के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि चूंकि पंचायतें अब केंद्र और राज्य सरकारों के विभिन्न अनुदानों से अवगत हैं, इसलिए उन्हें एक ठोस जीपीडीपी की योजना बनाने का प्रयास करना है, जिसमें पंचायतों द्वारा चिन्हित गतिविधियां के साथ साथ संबंधित विभागों और राज्य आजीविका मिशन द्वारा बनाए जा रहे वीपी आर पी को भी शामिल करना है। उन्होंने जीपीडीपी के साथ ग्राम गरीबी उन्मूलन योजना (वीपीआरपी) को शामिल करने की महत्ता पर जोर दिया।

पंचायती राज निदेशालय की निदेशक श्रीमती राजेश्वरी बी ने सतत विकास के लक्ष्यों के स्थानीयकरण के तहत चिह्नित 9 विषयों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। सभी प्रतिभागियों से जिला स्तर/ प्रखंड स्तर/ ग्राम पंचायत स्तर पर पंचायतों पुरस्कारों के आंकड़ों को ससमय प्रविष्टि कराने हेतु आवश्यक मार्गदर्शन दिया | उन्होंने बताया कि मनरेगा, आदि जैसी विभिन्न योजनाओं के सम्मिलन के माध्यम से विषयगत जीपीडीपी तैयार करने के दृष्टिकोण पर बताया। साथ ही उन्होंने कहा कि योजनाओं के अभिसरण की इस कार्रवाई के माध्यम से पर्याप्त पानी वाले गांव और स्वच्छ और हरित गांव पर विषयगत जीपीडीपी तैयार करने पर अपने विचार प्रस्तुत किए क्योंकि प्रत्येक घर में स्वच्छ पानी की उपलब्धता स्वस्थ गांव की मूलभूत आवश्यकता है। सतत विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण के तहत चिह्नित 9 विषयों पर सतत कार्य करने से विकास के सभी प्रक्षेत्रों में अपेक्षित प्रगति की ओर बढ़ा जा सकता है | साथ ही ग्राम पंचायतों द्वारा सम्पादित अच्छे कार्यों एवं उपलब्धियों से राज्य एवं देश के अन्य सहभागियों के साथ साझा किया जा सकता है |

बता दें कि पंचायती राज मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा त्रिस्तरीय पंचायतों को राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार दिया जा रहा है | इस वर्ष पूर्व से लागू राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कारों की प्रक्रिया को पंचायती राज मंत्रालय, भारत सरकार के द्वारा पूर्ण रूप से संशोधित किया गया है | अब मंत्रालय द्वारा सतत विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण हेतु चिह्नित 9 विषयों पर आधारित राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार पूरे देश में लागू कर दी गयी है |

कार्यशाला में प्रतिभागियों को NIRD, हैदराबाद के सलाहकार द्वारा GPDP की विस्तृत जानकारी दी गयी |

मौके पर प्राचार्य, केन्द्रीय प्रशिक्षण संस्थान, हेहल, राँची, राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार के लिए नामित नोडल पदाधिकारी सहित प्रशिक्षण संस्थान के सभी व्याख्याता, पंचायती राज विभाग के पदाधिकारी/कर्मी एवं सभी जिलों से 9 विषयों से संबंधित विभागों के जिलास्तरीय पदाधिकारी एवं कर्मी उपस्थित थे |

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