शहाबाद ब्यूरो
आरा । भोजपुर जिले में आईसीडीएस विभाग इनदिनों बच्चों के लिए गंभीरता से कार्य कर रहा है। जिले की आईसीडीएस की डीपीओ रश्मी चौधरी के नेतृत्व में सेविकाओं एवं महिला पर्यवेक्षिकाओ के माध्यम से सीडीपीओ के अनुश्रवण में क्षेत्र में सभी बच्चों के स्वास्थ्य की जानकारी लेने का कार्य किया जा रहा है।
उन्हें इम्यूनिटी बढ़ाने वाले पोषक तत्वों का सेवन करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
आईसीडीएस द्वारा बच्चों की काउंसलिंग भी की जा रही है ।इसके अलावा आंगनवाडी सेविकाओं के माध्यम से कोरोना महामारी काल में यह भी पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि कोरोना संक्रमण के पहले एवं दूसरे लहर में कितने बच्चे अनाथ हो गए या उनके माता-पिता दोनों का उन पर से साया उठ गया।
यह भी पता लगाया जा रहा है कि यह बच्चे कहां रह रहे हैं। बच्चे फिलहाल किसकी देखरेख में है और इन्हें किस योजना से जोड़ा जाए।
आईसीडीएस की डीपीओ रश्मी चौधरी ने बुधवार को बताया कि अब तक प्राप्त सर्वेक्षण और सीडीपीओ के माध्यम से सेविकाओं के प्रतिवेदन से मिली जानकारी के अनुसार जन्म से 6 वर्ष तक के 7 बच्चे, जबकि 7 वर्ष से 18 वर्ष तक के 21 बच्चे अनाथ हुए पाए गए हैं। इनमें से 6 वर्ष से कम आयु के दो बच्चे चरपोखरी में इस अप्रैल 2021 से अब तक माता पिता विहीन हुए जबकि 7 वर्ष से 18 वर्ष तक के 13 बच्चे अप्रैल 2021 वाली दूसरी लहर में अनाथ हो गए हैं।
डीपीओ ने बताया कि इसके अलावा कुछ ऐसे बच्चे की भी सूचना मिल रही है जिसके अभिभावक लापता हो गए एवं बच्चे का पालन पोषण नानी अथवा दादी के पास हो रहा है। इन बच्चों की सूची जिला बाल संरक्षण इकाई के साथ साझा करते हुए आवश्यक प्रक्रिया को त्वरित गति से निभाते हुए सर्वप्रथम इन्हें परवरिश योजना से जोड़ने की कार्रवाई की जाएगी। उसके बाद इनके बेहतर भविष्य के लिए अन्य योजनाओं से जोड़ने हेतु सरकार को प्रतिवेदित किया जाएगा।