शाहाबाद ब्यूरो
आरा ।शाहाबाद प्रक्षेत्र से जुड़े भोजपुर,बक्सर,रोहतास और कैमूर जिलों में सिंचाई के लिए जीवनरेखा माने जाने वाले इन्द्रपुरी बराज से नहरों के लिए पानी छोड़ दिया गया है।इंद्रपुरी बराज से जल्द ही भोजपुर और बक्सर के नहरों में पानी पहुंच जाएगा जबकि रोहतास और कैमूर के नहरों में पानी पहुंचने लगा है।खरीफ फसलों के लिए इंद्रपुरी का पानी हरियाली बिखेरने में महत्वपूर्ण साबित होगा।
जल संसाधन विभाग के निर्देश पर खरीफ फसलों की सिंचाई के लिए सोन नहरों में पटवन के लिए पानी छोड़ दिया गया है। इंद्रपुरी बराज के पश्चिमी संयुक्त नहर से रोहतास, कैमूर, बक्सर व भोजपुर जिले को खेतो तक पानी की आपूर्ति की जाती है।
रोहिणी नक्षत्र की गूंज सुनाई देने के साथ ही इंद्रपुरी बराज से आरा और बक्सर मेन कैनाल में पानी का बहाव शुरू हो गया है।बुधवार की शाम तक इंद्रपुरी बराज का पानी आरा और बक्सर पहुंचने की उम्मीद है।इंद्रपुरी से पानी को आरा पहुंचने में 86 किलोमीटर जबकि बक्सर पहुंचने में 32 किलोमीटर की दूरी तय करनी है।दोनों जिलों की नहरों तक पानी पहुंचाने के लिए कार्यपालक अभियंता लगातार निगरानी में जुटे हुए हैं।
जल संसाधन विभाग के भोजपुर में नियुक्त कार्यपालक अभियंता निवास चन्द्र वर्मा ने बुधवार को बताया कि तूफान की आशंका को देखते हुए आरा लाइन में एक हजार क्यूसेक पानी की मांग की गई है।फिलहाल आरा लाइन को पांच सौ क्यूसेक पानी ही नासरीगंज से मिलने की उम्मीद है।
जल संसाधन विभाग वृहद सिंचाई के पांच सहायक अभियंता और 14 कनीय अभियंताओं के कंधे पर एक लाख 18 हजार हेक्टेयर खेतों में लगने वाली धान की फसल के पटवन की जिम्मेवारी है।नहरों में पानी छोड़े जाने के बीच तटबंधों की मरम्मती का कार्य फिलहाल बाधित है।
तूफान की आशंका को लेकर इंद्रपुरी बराज और नहर विभाग के अधिकारी फिलहाल अलर्ट मोड में हैं।इंद्रपुरी बराज में नियुक्त कार्यपालक अभियंता सुजीत कुमार ने बताया कि 13649 क्यूसेक पानी सोन नदी और 1500 क्यूसेक पानी सोन नहर में छोड़ कर ट्रायल शुरू किया गया है ताकि किसानों को धान के बिचड़े लगाने में पानी की कमी नही हो।तूफान से निपटने के बाद आवश्यकतानुसार और पानी छोड़ा जाएगा ताकि किसानों को सिंचाई के लिए पानी की कमी नही हो सके।
जल संसाधन विभाग मॉनिटरिंग सेल के मुख्य अभियंता ओम प्रकाश सिंह ने बुधवार को बताया कि खरीफ फसलों के लिए पानी की आपूर्ति शुरू कर दी गई है।हाल के वर्षो में जून के प्रथम या दूसरे सप्ताह में पानी की आपूर्ति की जाती रही है। उन्होंने बताया कि खरीफ फसलों के लिए इन्द्रपुरी बराज पर पानी के भंडारण का कार्य पूर्ण हो गया है। अब तक 355 पाउंड स्तर पर इंद्रपुरी बराज में पानी का भंडारण हो चुका है। उत्तर प्रदेश के रिहंद जलाशय से पर्याप्त मात्रा में इंद्रपुरी बराज पर पानी प्राप्त हो रहा है।उन्होंने बताया कि नहरों में छोड़े गए पानी को रोक कर अपने खेतों की सिंचाई करने वाले किसानों पर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।
उधर पूर्वी संयुक्त नहरो में भी जल्द पानी की आपूर्ति प्रारम्भ की जाएगी। पश्चिमी संयोजक नहर में धीरे-धीरे पानी छोड़ा जाएगा।
उन्होंने बताया कि विभागीय अभियंताओं को नहरों की पेट्रोलिंग करने का निर्देश दिया गया है।इससे किसानों को
बिचड़ा डालने के लिए पानी खेतों तक पहुंचाया जा सकेगा।
बता दें कि जून 2001 को निर्गत अधिसूचना के अनुसार सोन नहर प्रणाली में खरीफ फसलों के लिए 20 मई से 30 अक्टूबर तक पानी की आपूर्ति करनी है।इस बार तय कार्यक्रम के पांच दिनों बाद पानी की आपूर्ति प्रारम्भ हुई है।
इंद्रपुरी बराज से छोड़े गए पानी से अब आगामी 30 अक्टूबर तक किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा।
नहरों में पर्याप्त मात्रा में पानी आने के साथ ही किसान खेतों में धान के बिचड़े डालने के लिए आगे आएंगे।
शाहाबाद के भोजपुर,रोहतास,बक्सर और कैमूर को धान के कटोरा के नाम से भी जाना जाता है और इस नाम के लिए इंद्रपुरी बराज का पानी खेतो में धान की फसलो की हरियाली बिखेरने में काफी महत्व रखता है।