बाढ़ प्रभावित इलाकों में माले विधायकों-नेताओं का दौरा, सरकारी दावे के विपरीत राहत अभियान बेहद कमजोर

पूर्वीचंपारण,मुज़फ़्फ़रपुर,दरभंगा,समस्तीपुर,मधुबनी,वैशाली आदि जिलों का दौरा

विजय शंकर 
पटना : भाकपा माले के विधायक और प्रमुख पार्टी नेता बाढ़ ग्रस्त इलाकों के दौरे पर हैं. पार्टी के पोलित ब्यूरो के सदस्य धीरेन्द्र झा, विधायक सत्यदेव राम, दरभंगा जिला सचिव बैद्यनाथ यादव, किसान नेता जितेंद्र यादव, पप्पू पासवान, ध्रुवनारायण कर्ण, दिनेश महतो आदि नेताओं की टीम बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित मिथिलांचल के दौरे पर है अन्य बाढ़ प्रभावित इलाकों में भी स्थानीय टीमें लगातार सक्रिय हैं और दौरा कर रही हैं । 

माले नेता धीरेन्द्र झा ने कहा कि कोरोना और मंहगाई से त्रस्त जनता के ऊपर बाढ़ और अतिवृष्टि ने मुसीबतों का पहाड़ खड़ा कर दिया है. इस संकट में सरकार और प्रशासन की भूमिका बेहद असंवेदनशील है. सरकार स्थापित प्रक्रिया के तहत बाढ़ राहत देने में कोताही बरत रही है. माले नेता ने कहा कि बिहार सरकार और सभी दलों को केंद्र सरकार से विशेष पैकेज की मांग करनी चाहिए. 27 अगस्त को बाढ़ पीड़ित गरीबों और किसानों के राहत- मुआवजा के लिए दरभंगा में चक्का जाम आंदोलन होगा । 

भाकपा माले विधायक दल के उपनेता सत्यदेव राम ने बाढ़ प्रभावित जिलों का दौरा करने के बाद कहा है कि पिछले दो महीने से किसान-मज़दूर लगातार परेशान हैं. बाढ़ और जलजमाव से खेती-किसानी चौपट हो गयी है. लेकिन सरकार और प्रशासन असंवेदनशील बना हुआ है और राहत कार्य नगण्य है. उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री के समक्ष बाढ़ पीड़ितों के दर्द और सवालों को रखा जाएगा. यह भी कहा कि सभी खेतिहर ग्रामीणों को बाढ़ राहत मिले और एक साल का बिजली बिल माफ हो-रसोई गैस का दाम हाफ हो. किसानों का केसीसी लोन और मालगुजारी माफ होना चाहिए.

इस बीच, भागलपुर में रिंग बांध व अन्य कई बांध बह जाने से बाढ़ से बेहद प्रभावित इस्माईलपुर, गोपालपुर व रंगरा प्रखंडों में माले नेताओं ने दौरा किया. टीम ने कहा है कि इन तीनों प्रखंडों के करीब 80 प्रतिशत गांवों के घरों में पानी घुस आया है. बड़ी संख्या में घर तबाह हो गए हैं. कुछ जगह तो लोगों को रेस्क्यू कर बाहर निकालना पड़ा. कई पशु डूब गए. खेत-खलिहान तो पूरी तरह जलमग्न है, फसल बर्बाद हो गया. बड़ी संख्या में लोग घरों को छोड़ कर ऊंचे स्थानों में शरण लेने के लिए मजबूर हैं. लगभग पूरा जिला यहां तक कि शहर भी बाढ़ त्रस्त हो चुका है.

भागलपुर शहर सहित ग्रामीण अंचलों में कई जगह बाढ़ पीड़ितों के लिए सहायता शिविर लगाया गया है, किन्तु ये व्यवस्था और राहत/सहायता बहुत ही नाकाफी है. लोग बहुत परेशान हैं. बाढ़ को लेकर सरकार और प्रशासन की तैयारी सिर्फ घोषणाओं तक ही प्रतीत हो रही है. लोगों को राहत-सहायता पहुंचाने से ज्यादा सरकारी शोर ही ज्यादा है. शहरी क्षेत्र में पानी उतरने से गंदगी सम्बन्धी समस्याएं भी शुरु हो गई हैं. इससे निपटने के लिए नगर निगम प्रशासन कुछ नहीं कर रहीं है. पानी उतरते जाने के साथ ही ग्रामीण इलाकों में भी ये समस्याएं विकराल होती जाएगी.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *