बंगाल ब्यूरो 

कोलकाता। विधानसभा चुनाव के बाद हिंसा के मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट की सख्ती के बाद मजबूर हुई ममता बनर्जी सरकार ने गुरुवार को विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने के लिए अधिसूचना जारी है। जांच के लिए राज्य को कुल पांच जोन में विभाजित किया गया है और आईपीएस स्तर के 10 अधिकारियों की नियुक्ति की गई है।
बता दें कि बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद लगातार हिंसा के आरोप लगाये जा रहे हैं। उसके मद्देनजर कलकत्ता हाईकोर्ट ने सख्त आदेश दिया था और कहा था कि सीबीआई जांच कर रही है लेकिन एसआईटी निष्क्रिय है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो सख्त कदम उठाएंगे
गौर हो कि कलकत्ता हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद कथित हिंसा के मामले में हत्या व रेप जैसे गंभीर मामलों की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो यानी सीबीआई से कराने का आदेश दिया था, जबकि कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल की अगुआई वाली पांच सदस्यीय पीठ ने चुनाव के बाद कथित हिंसा के संबंध में अन्य आरोपों की जांच के लिए विशेष जांच दल के गठन का भी आदेश दिया था।

उसी के मुताबिक राज्य सरकार द्वारा गठित एसआईटी में मुख्यालय में आईपीएस सोमा दास मुखर्जी और आईपीएस शुभंकर भट्टाचार्य को नियुक्त किया गया है, जबकि उत्तर जोन के लिए आईपीएस डीपी सिंह और प्रवीण कुमार त्रिपाठी, वेस्ट जोन के लिए आईपीएस संजय सिंह और आईपीएस बीएल मीणा को, साउथ जोन के लिए आईपीएस सिद्धिनाथ गुप्ता और आईपीएस प्रसून बंद्योपाध्याय तथा कोलकाता जोन के लिए आईपीएस तन्मय राय चौधरी और आईपीएस नीलांजन विश्वास को नियुक्त किया गया है।
उल्लेखनीय है कि कोर्ट के आदेश के बावजूद एसआईटी गठित नहीं करने की वजह से ममता सरकार की मंशा पर सवाल उठ रहे थे।

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