मधुबनी में पत्रकार अविनाश झा की हत्या की जांच कराए सरकार.

न्यूज ब्यूरो 

पटना । भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि आज बिहार पूरी तरह से अपराधियों के चंगुल में है. हत्या की घटनायें लगातार बढ़ती ही जा रही हैं. सरकार नाम की कोई चीज ही नहीं दिखलाई पड़ती है. दरअसल, अपराधियों को सत्ता व प्रशासन का खुलेआम संरक्षण है, इसलिए उनका मनोबल सातवें आसमान पर है और वे दिनदहाड़े हत्याओं को अंजाम दे रहे हैं.

रविवार को पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि मधुबनी जिला के बेनीपट्टी लोहिया चौक के निवासी पत्रकार व आरटीआई एक्टिविस्ट अविनाश झा उर्फ बुद्धदेव झा का अपहरण व उसके बाद निर्ममता से की गई हत्या बेहद निंदनीय है. बिहार में आरटीआई कार्यकर्ताओं की हत्या एक ट्रेंड बनता जा रहा है. इस हत्या के पीछे नर्सिंग होम चलाने वाले माफिया तंत्र का नाम आ रहा है. इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच करायी जानी चाहिए कि आखिर क्यों बिहार में पत्रकारों व आरटीआई कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया जा रहा है.

उन्होंने अररिया जिले के भरगावां के रघुनाथपुर दक्षिणी वार्ड नंबर-9 में दबंगों द्वारा हमला करके महादलित चंदेश्वरी ऋषिदेव की हत्या की भी कड़ी निंदा की है. यह हमला 10 अक्टूबर को हुआ. हमले में कई लोग घायल भी हुए हैं और जिंदगी व मौत से जूझ रहे हैं. दबंगों द्वारा महादलित परिवारों को जमीन से बेदखल करने के लिए हत्या की इस घटना को अंजाम दिया गया.

अविनाश झा हत्याकांड पर माले की जांच रिपोर्ट: बेनीपट्टी लोहिया चौक निवासी पत्रकार व आरटीआई एक्टीविस्ट अविनाश झा अपहरण व निर्मम हत्याकांड की जांच करने आज भाकपा-माले मधुबनी जिला कमिटी सदस्य सह बेनीपट्टी प्रखंड माले सचिव श्याम पंडित के नेतृत्व में चार सदस्यों की एक टीम बेनीपट्टी पहंुची. जांच टीम में माले नेता श्याम पंडित के अलावा त्रिलोक झा, धर्मेन्द्र पंडित व विकास पंजियार शामिल थे.

सबसे पहले माले जांच टीम ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की और आम लोगों से पूरे मामले की जानकारी ली. 
24 वर्षीय अविनाश झा एक आरटीआई एक्टीविस्ट थे. आरटीआई के माध्यम से नर्सिंग होम द्वारा की जा रही अनियमितताओं और फर्जीवाड़ा के खिलाफ वे लगातार आवाज उठा रहे थे. उनकी पहल पर इस तरह के कई नर्सिंग होम पर कार्रवाई भी हुई थी. इसलिए वे नर्सिंग होम के नाम पर अवैध गतिविधियां संचालित करने वाले माफिया के निशाने पर थे. वे सोशल मीडिया पर भी फर्जी नर्सिंग होम की कारगुजारियों का लगातार भंडाफोड़ किया करते थे.

परिजनों ने बताया कि दिनांक 9 नवंबर की रात्रि साढ़े नौ बजे अनुराधा नर्सिंग होम की एक नर्स ने फोन कर उन्हें बुलाया. रात्रि दस बजे से उनका मोबाइल स्विच ऑफ बताने लगा, कुछ भी जानकारी नहीं मिल रही थी. उनके भाई ने 10 नवंबर को अपहरण की प्राथमिकी बेनीपट्टी थाना में दर्ज कराई. लोगों का कहना है कि 13 नवंबर की सुबह उनकी अधजली लाश फेंकी हुई पाई गई. परिजनों और आम लोगों का कहना है कि अविनाश झा की हत्या नर्सिंग होम के अवैध संचालन करने वालों ने एक साजिश के तहत किया है. वे अनुराधा नर्सिंग होम की नर्स पूर्णकला देवी का नाम ले रहे थे, जिनके बुलावे पर अविनाश रात में बाहर निकले थे. बेनीपट्टी के एसडीपीओ से संपर्क करने पर बताया गया कि सभी दोषियों को हिरासत में ले लिया गया है. नर्स पूर्णकला देवी की गिरफ्तारी हो गई है. भाकपा-माले इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच व मृतक परिजन को मुआवजा देने की मांग करती है.

15 नवंबर को बेनीपट्टी में अविनाश हत्याकांड के खिलाफ प्रतिवाद मार्च निकाला जाएगा और मुख्यमंत्री का पुतला दहन भी किया जाएगा.

भरगावां कांड के घायल

1. उमेश ऋषिदेव, उम्र – 30 वर्ष
2. भीम ऋषिदेव, उम्र – 35 वर्ष
3. केवली देवी, उम्र – 45 वर्ष
4. जमुन ऋषिदेव, उम्र – 44 वर्ष
5. मदन देवी, उम्र – 40 वर्ष
6. खिकेन ऋषिदेव, उम्र – 35 वर्ष
7. कृष्ण ऋषिदेव, उम्र – 30 वर्ष
8. लड्डू ऋषिदेव, उम्र – 15 वर्ष

भाकपा-माले भरगांवा कांड के सभी अपराधियों की गिरफ्तारी की मांग करती है

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