विजय शंकर 
पटना| टाल क्षेत्र का विकास एक बड़ी चुनौती है।पूर्व विधान पार्षद एवं जद(यू)प्रवक्ता डॉ. रणबीर नंदन नें कहा कि अधिकांश समय पानी में डूबे रहने के कारण इन इलाकों में लोगों को विकास की सुविधाओं को पहुंचाने में कामयाबी नहीं मिल पाती थी। मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही माननीय नीतीश कुमार जी ने टाल क्षेत्रों में विकास की धारा पहुंचाने की कोशिश की है। वे टाल क्षेत्र की चुनौतियों और दिक्कत से भली प्रकार से वाकिफ हैं। इसलिए, उनके एजेंडे में टाल क्षेत्र का विकास हमेशा अहम रहा है।
प्रो. नंदन ने कहा कि फतुहा से लखीसराय तक फैले मोकामा टाल क्षेत्र के विकास को लेकर कभी भी कोई प्रयास नहीं किया गया। इस इलाके में एक लाख छह हजार 200 हेक्टेयर जमीन पानी में डूबी रहती है। इन इलाकों में एक फसल से अधिक नहीं हो पाती थी। वर्ष 2013-14 में माननीय मुख्यमंत्री ने तत्कालीन जल संसाधन सचिव दीपक कुमार को इन इलाकों में विकास योजनाओं को संचालित करने का निर्देश दिया था। इन इलाकों की सैटेलाइट इमेंजिंग कराई गई। इसके अलावा पईन की सफाई और दक्षिणी भाग में तटबंधों के निर्माण की योजना बनी।
प्रो. नंदन ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर 54 किलोमीटर लंबे तटबंध के निर्माण की योजना बनी। बलगुदर से घोसवरी और घोसवरी से बाढ़-सरमेरा तक सड़क निर्माण की योजना तैयार की गई। इन पर काम किया गया है। इससे क्षेत्र में क्रॉपिंग इंटेसिटी 120 फीसदी से बढ़कर 215 फीसदी के करीब हुई हुई। मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर वर्ष 2018 में 423 बाढ़ से पहले के सुरक्षात्मक कार्य पर 1250.44 करोड़ रुपए खर्च किए गए। इसी साल जल संसाधन विभाग की ओर से टाल क्षेत्र के समग्र विकास के लिए योजना तैयार की गई। इसके लिए 1893 करोड़ की योजना को केंद्रीय जल आयोग को भेजा गया। इसके अलावा टाल क्षेत्र में विकास योजनाओं के लिए लोगों की ऑनलाइन सलाह मांगी गई। इन योजनाओं को पूरा कराने पर जोर दिया गया है।
प्रो. रणबीर नंदन ने कहा कि समग्र टाल विकास योजना पर कार्य शुरू कर दिया गया है। इसके तहत टाल इलाके में हरुहर नदी में कई स्थानों पर स्लूइस गेट का निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा पईन की उड़ाही का कार्य भी लगातार चल रहा है। लखसीराय प्रखंड के बालगुदर के पास हरुहर नदी में 124 करोड़ की लागत से बराज का निर्माण कराया जा रहा है। टाल विकास योजना के तहत बाढ़ प्रबंधन कार्यक्रम भी तैयार किया गया है। इसके तहत 74 किलोमीटर के तटबंध के निर्माण की योजना बनाई गई है। वहीं, 53 किलोमीटर लंबाई में तटबंध बनाकर उसके पक्कीकरण का कार्य कराने की भी योजना है। बड़हिया से मोकामा होते फतुहा तक टाल इलाके में पइन की उड़ाही और जीर्णोद्धार के साथ पुलिया का निर्माण कराने के साथ-साथ नदियों में बराज, वीयर और चेक डैम का निर्माण कराने की योजना तैयार है। कई पर काम चल रहा है। सरकार ने पूरी परियोजना को मई 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य तय किया है।
प्रो. रणबीर नंदन ने कहा कि जिस हिसाब से टाल क्षेत्र के विकास के लिए कार्य हो रहा है, उसके लिए माननीय मुख्यमंत्री के प्रयासों की सराहना होनी चाहिए। टाल क्षेत्र में अगर कृषि की व्यवस्था को और व्यवस्थित किया जाए तो कैश क्रॉप का एक बड़ा उत्पादन बिहार के खाते में जुड़ेगा। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि केंद्र सरकार ऐसा केंद्र स्थापित करे जो पूरे क्षेत्र की कृषि व्यवस्था को वैज्ञानिक तरीके से जोड़े।

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