बंगाल ब्यूरो
कोलकाता। तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए भारत के पहले चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बिपिन रावत के हेलीकॉप्टर दुर्घटना में उनके साथ जिन सैनिकों की मौत हुई है उसमें बंगाल के लाल सतपाल राय (41 साल) सेना से पहले ही रिटायर होने वाले थे। हालांकि अपनी सुरक्षा में तैनात रॉय को जनरल रावत ने कहा था कि एक साथ 2024 में दोनों रिटायर होंगे। अब किस्मत का खेल देखिए कि दोनों ने एक साथ इस दुनिया को अलविदा कह शहादत हासिल की है।
सतपाल की मौत की खबर बुधवार रात दार्जिलिंग के रंगली रंगलिऑट थाना अंतर्गत कटुसय में स्थित उनके पैतृक आवास पर जैसे ही पहुंची वैसे ही परिवार में चीख-पुकार मच गई। पूरे क्षेत्र में मातम पसर गया और पूरा राज्य इस लाल को खोकर दुखी है। इस गोरखा बहादुर को खोने वाला इनका परिवार भी कम बहादुर नहीं है। सतपाल की पत्नी मंदिरा कहती हैं, “मैंने अपने पति को तो खो दिया है लेकिन उन्होंने देश के लिए अपनी जिंदगी गंवाई है। मेरे दिल को सांत्वना देना बहुत मुश्किल है लेकिन मुझे गर्व है कि वह देश के लिए शहीद हुए और ऐसे व्यक्ति की पत्नी होकर मैं खुद को धन्य महसूस करती हूं।”
मंदिरा ने बताया कि बुधवार सुबह 8:30 बजे जनरल रावत के हेलीकॉप्टर उड़ान भरने से पहले पति से फोन पर बात हुई थी। उन्होंने कहा था कि गंतव्य पर पहुंचने के बाद दोबारा फोन करेंगे लेकिन फोन आया तो आर्मी से वह भी उनकी शहादत की सूचना लेकर।
सेना की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि सतपाल सीडीएस जनरल बिपिन रावत के निजी सुरक्षा अधिकारियों (पीएसओ) में शामिल थे और पहले ही सेवानिवृत्त होने वाले थे लेकिन जनरल रावत ने यह कहते हुए रोक दिया था कि दोनों एक साथ 2024 में रिटायर होंगे।
सतपाल की मां संतु माया राय ने कहा, “हेलीकॉप्टर उड़ान भरने से पहले थोड़ी सी बात हुई थी। बेटे ने कहा था कि अभी थोड़ा व्यस्त हूं फिलहाल बात नहीं कर सकता जैसे ही अपने काम से फ्री होता हूं मैं फोन करता हूं।”
लेकिन इस मां को याद करने से पहले धरती मां के आंचल में सतपाल सो गए हैं।
परिवार और आस-पड़ोस के लोगों ने बताया है कि वह बहुत ही विनम्र, दोस्ताना और मददगार स्वभाव के व्यक्ति थे।
सतपाल राय के घर के पास गुरुवार को सारा दिन मातम पसरा रहा और घर के अंदर से रोने की आवाजें आती रही हैं। परिवार में पत्नी मंदिरा के अलावा बेटा विकाल राय है जो भारतीय सेना में ही है। इसके अलावा एक 16 साल की बेटी मुस्कान भी परिवार में है जो पिता के जाने के गम में बुधवार से ही रो रही है।
परिवार वालों ने बताया है कि पिछले 10 सालों से हवलदार सतपाल रॉय की ड्यूटी सेना के सर्वोच्च अधिकारी विपिन रावत के साथ थी। हाल ही में वह छुट्टी पर घर आए थे और 22 नवंबर को ही वापस लौटे थे। बुधवार सुबह 8:30 बजे तमिलनाडु के वेलिंगटन के लिए हेलीकॉप्टर रवाना होने से पहले उन्होंने केवल पत्नी से ही नहीं बल्कि दिल्ली में सेना मुख्यालय में तैनात अपने बेटे विकाल से भी बात की थी।
पत्नी मंदिरा ने आगे बताया, “जैसे ही हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त होने की जानकारी मिली, उसके बाद मेरे अंकल ने फोन किया। मैंने तुरंत टीवी चालू की। उस पर जनरल रावत का हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त होने की खबरें और सभी लोगों के मारे जाने के कयास लगाए जा रहे थे। इसके तुरंत बाद मैंने पति को फोन करना शुरू कर दिया था लेकिन फोन नहीं लगा।”
सतपाल के बेटे विकाल ने बताया कि वह पिता के अंतिम संस्कार के लिए सेना मुख्यालय से छुट्टी लेकर घर लौट रहे हैं।
बाप बेटे दोनों की तैनाती गोरखा रेजीमेंट में हुई थी। उनके घर के बाहर पड़ोसियों की भीड़ है। जिसे भी देखो उसकी आंखें नम हैं और जिस से भी बात करो, हर कोई कहता है कि सतपाल का जाना दार्जिलिंग के लिए अपूरणीय क्षति है।