अमेठी ब्यूरो
अमेठी। रणवीर रणंजय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अमेठी के सेमिनार हाल में शिक्षक, शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग द्वारा वर्तमान शिक्षा व्यवस्था में शिक्षक की भूमिका विषय पर संगोष्ठी एवं महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य डॉ त्रिवेणी सिंह का विदाई समारोह आयोजित किया गया।

संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि प्रोफ़ेसर मोरध्वज वर्मा ने कहा कि देश में आज भी सभी दल अपने घोषणा पत्र में शिक्षा को विशेष स्थान नहीं दे रहे हैं । शिक्षा युवाओं में मूल्यों का विकास करती है साथ ही चरित्र निर्माण का कार्य करती है। शिक्षित युवा ही देश की पूंजी को बढा सकते हैं अगर अधिकांश जनसंख्या अशिक्षित होगी तो वह देश पर भार के रूप में होगी । शिक्षक में अगर आदर्श नागरिक के गुण होगे तभी आदर्श राष्ट्र का निर्माण होगा । शिक्षा जब बाजार से नियन्त्रित होती है तो वहां शिक्षा में लाभ-हानि पर ज्यादा जोर दिया जाता है । वर्तमान तकनीकी से युक्त समाज में शिक्षक को समय के साथ अपने में बदलाव लाना होगा । शिक्षक को समय के साथ अपने तकनीकी एवं कौशल को विकसित करके ही समाज में अपना विशेष स्थान बना सकता है ।

पूर्व प्राचार्य डा त्रिवेणी सिंह ने कहा कि हमारे देश में वैदिक काल से शिक्षकों का जो सम्मान रहा है वह आज उनके ज्ञान, आचरण, विचार एवं व्यवहार से पुनर्स्थापित हो सकता है । शिक्षक में शिष्य के अज्ञानरूपी अन्धकार से बाहर निकालकर ज्ञानरूपी प्रकाश से आलोकित करने की शक्ति होती है । शिक्षक अपने शिक्षण कौशल द्वारा समाज में विशेष पहचान बना सकता है साथ ही युवाओं का मार्गदर्शन कर सकता है।सभी का स्वागत बी एड् विभाग की अध्यक्षा डाॅ लाजो पाण्डेय ने किया तथा आभार प्राचार्य डॉ ओमप्रकाश त्रिपाठी ने व्यक्त किया ।

कार्यक्रम में डा0 मनीषा सिंह, डा राधेश्याम प्रसाद, डा एम पी त्रिपाठी, डा दयानंद सिंह,दिनेश बहादुर सिंह, डा अरविंद कुमार सिंह, धर्मेन्द्र् वैश्य, डा अजय कुमार सिंह ,डा ज्योति सिंह, विनोद कुमार यादव, डा पवन कुमार पांडेय,शिप्रा सिंह,डा ज्ञानेन्द्र प्रताप सिंह, डा वीरेन्द्र बहादुर सिंह, डा रीना त्रिवेदी, डा सुधा शुक्ला आदि शिक्षक तथा बी एड् के छात्र एवं छात्रायें उपथित रहे। कार्यक्रम का संचालन डा0 सन्तोष कुमार सिंह ने किया।

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