विजय शंकर
पटना : पटना हाईकोर्ट की जानी मानी वकील और एडवोकेट्स एसोसिएशन की पूर्व संयुक्त सचिव छाया मिश्रा ने केरल मॉडल की तर्ज पर बिहार में नवोदित वकीलों को 5000 रुपये मासिक (स्टाइपेंड) वजीफा देने की मांग की है।
बार काउंसिल को भेजे पत्र में उन्होंने कहा कि बार में तीन साल से प्रैक्टिस करने वाले और एक लाख रुपये की वार्षिक आय वाले युवा वकीलों को एडवोकेट्स वेलफेयर फंड से वजीफा दिया जाना चाहिए। छाया मिश्रा ने कहा कि मासिक वजीफा कानून स्नातकों को जिला स्तर पर मुकदमेबाजी, मुकदमे की वकालत के लिए आकर्षित करने में मदद करेगा।
उन्होंने सुझाव दिया कि प्रस्तावित मासिक वजीफा सीधे लाभार्थी युवा अधिवक्ताओं के खातों में जमा किया जाना चाहिए।
छाया मिश्रा ने बताया कि बार काउंसिल ऑफ केरल ने 30 साल से कम उम्र के युवा अधिवक्ताओं को मासिक वजीफे के लिए अधिसूचना जारी की है और मार्च 2018 में जारी सरकारी आदेश को लागू किया है।
उन्होंने मांग की कि बिहार राज्य बार काउंसिल को वजीफा नियम बनाना चाहिए और नए साल से योग्य वकीलों को लाभ देना शुरू करना चाहिए।
छाया मिश्रा ने 19 दिसंबर को नालसर लॉ यूनिवर्सिटी में भारत के मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन्ना द्वारा दिए गए भाषण को उद्धृत किया, जिसमें उन्होंने खेद व्यक्त किया कि लॉ स्कूलों के कुछ कानून स्नातक मुकदमेबाजी में शामिल होने में रुचि नहीं रखते हैं, जिला अदालतों में अभ्यास करने की तो बात ही छोड़ दें।
उन्होंने कहा कि एक बार नवोदित वकीलों को स्टाइपेंड मिलने चालू हो जाए, उनका आकर्षण मुकदमे की वकालत के लिए बाद जायेगा। प्रमुख महिला वकील ने दावा किया कि बार काउंसिल के पास वजीफे के लिए पर्याप्त फंड है।