लेखक : रामजी राय,
प्रधान संपादक, ‘समकालीन जनमत’
जनमत के तब प्रधान संपादक रहे महेश्वर किडनी ट्रांसप्लान्टेशन के बाद भी बचाये न जा सके। उनकी दिल्ली में समकालीन जनमत ने स्मृति-सभा आयोजित की थी। बाबा नागार्जुन और डॉ. नामवर सिंह समेत और भी बहुत लोग आये थे। समकालीन जनमत ने महेश्वर पर पूरा अंक निकाला था।
स्मृति-सभा के समापन के बाद मैं बाबा के साथ बाहर उन्हें ऑटो पकड़ाने गया। उस बीच मैंने उनसे कहा– बाबा कुछ दिन मैं आपके साथ रहना चाहता हूं। बाबा बोले– क्यूं? मैंने कहा– आप पर कुछ लिखने का मन है। बाबा बोले, मेरा जन्मदिन आ रहा है सब लिखेंगे। तुम मैं जब मरूँ तो समकालीन जनमत का पूरा अंक मुझ पर निकालना जैसे यह अंक निकाले हो। और उन्होंने जनमत के उस अंक की 10 प्रतियां मुझसे लीं और कहा– इन्हें बेचकर पैसा दे दूंगा। मैं हैरान था।
साहित्य अकादमी ने बाबा को सीनियर फेलोशिप दी थी। तब अनंतमूर्ति जी अकादमी के अध्यक्ष थे। उन्हें यह फेलोशिप दिल्ली में बाबा के आवास सादतपुर में जाकर एक समारोह में दी जानी थी।
उस दिन मैं भी वहां गया था। बहुतेरे लोग बाबा के अगल-बगल बैठे थे और फ़ोटो सेशन चल रहा था। बाबा की नज़र मुझ पर पड़ी और उसी क्षण उन्होंने मुझे बुलाया। मैं गया। उन्होंने मुझे पास बैठा उन ली हुई दस प्रतियों का पैसा देते हुए कहा– मैंने दसों प्रतियां बेच दीं इसका पैसा ले लो। और हंसते हुए कहा– उस दिन की कही बात याद है न !?
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हां बाबा, वह बात याद तो थी लेकिन वैसा मैं कर न पाया। पहले बाबा गुज़रे। उनपर जनमत का पूरा अंक निकालने का प्लान बना कि उसी बीच कॉमरेड नागभूषण पटनायक गुज़र गये। बाबा ने उनपर एक कविता लिखी थी- “पट नायक नागभूषण।” फिर दोनों पर एक साथ अंक की योजना बनीं लेकिन दुर्योग कि उसके कुछ समय अनंतर ही कॉमरेड विनोद मिश्र (वीएम) भी नहीं रहे। कॉमरेड वीएम दरभंगा जाकर बाबा से मिले थे। वो मिलन-क्षण अद्भुत और अविस्मरणीय था। लौटते हुए रास्ते में कॉमरेड वीएम ने मुझसे कहा– आप नागार्जुन पर एक लेख लिखिये जरूर। मैंने कहा और भी लोग हैं जो उनपर बहुत अच्छा लिख सकते हैं, उनसे लिखवा लूंगा। कॉमरेड वीएम ने तुरत ही जैसे निर्णायक तौर पर कहा– ठीक है, लेकिन आप ही लिखिये उनपर।
18 दिसंबर, 1998 की सुबह कॉमरेड वीएम ने इस दुनिया से विदा ले ली। मेरे ख़याल से जनमत का तब दिल्ली से निकलना बंद हो गया था और मैं ‘लोकयुद्ध’ के सम्पादन के लिए पटना आ गया था।
और बाबा, फिर जनमत का तो नहीं लेकिन ‘लोकयुद्ध’ का विशेषांक जनवरी अंक आप, कॉमरेड नागभूषण पटनायक और कॉमरेड वीएम की स्मृति में निकला।
उम्मीद करता हूं आप भी यही करने की सोचे होंगे।
~ रामजी राय, प्रधान संपादक, ‘समकालीन जनमत’