नेशनल ब्यूरो 
नई दिल्ली : दुनिया भर में कोरोना के वैरिएंट ओमिक्रॉन से दहशत का माहौल है। इस बीच फ्रांस में वैज्ञानिकों ने एक और नए वैरिएंट ‘IHU’का पता लगाया है, जो ओमिक्रॉन से भी ज्यादा तेजी से फैलता है । वैज्ञानिकों की खोज में सामने आए B.1.640.2 यानी IHU वैरिएंट के बारे में दावा किया जा रहा है कि यह टीका लगवा चुके और एक बार संक्रमित हुए लोगों को भी शिकार बना सकता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि इस वैरिएंट के 46 म्यूटेशन हो सकते हैं, जो ओमिक्रॉन के मुकाबले कहीं ज्यादा हैं। इस नए वैरिएंट के कम से कम 12 केस मार्सिलिस में पाए गए हैं। सभी संक्रमित लोग अफ्रीकी देश कैमरून की यात्रा से लौटे थे।

अब भी दुनिया भर में IHU वैरिएंट का खतरा भी तेजी से बढ़ रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की जांच में कहा गया है कि फ्रांस के अलावा किसी और देश में यह वैरिएंट अब तक नहीं मिला है। हालांकि इस बीच महामारी विज्ञानी एरिक फेगल डिंग ने ट्विटर पर कहा कि कोरोना के नए वैरिएंट्स सामने जरूर आ रहे हैं, लेकिन यह नहीं कहा जा सकता है कि ये पुराने वैरिएंट्स के मुकाबले ज्यादा खतरनाक हैं। वैरिएंट्स को लेकर जो चिंता जताई जा रही है, उसमें सबसे खतरनाक वो हैं, जिनके म्यूटेंट ज्यादा हैं।

उन्होंने कहा कि ओमिक्रॉन वैरिएंट में मल्टीप्लाई होने की क्षमता है और इसके चलते यह ज्यादा खतरनाक माना जा रहा है। ओमिक्रॉन वैरिएंट का पहली बार दक्षिण अफ्रीका में 24 नवंबर को पता लगा था। तब से अब तक ओमिक्रॉन वैरिएंट 100 से ज्यादा देशों में फैल चुका है। भारत की बात करें तो अब तक यह 23 केंद्र शासित प्रदेशों और राज्यों में फैल चुका है। देश भर में ओमिक्रॉन वैरिएंट के अब तक 1892 मामले सामने आ चुके हैं। हालांकि ओमिक्रॉन को लेकर राहत की बात यह कही जा रही है कि यह डेल्टा जैसे अन्य तमाम वैरिएंट्स के मुकाबले कमजोर है।

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