यूक्रेन से भारतीय छात्र ने जारी किया वीडियो,कहा-खारकीब शहर छोड़ना चाह रहे पर हमे ट्रेन पर नही बैठने दिया जा रहा है
सुभाष निगम
नयी दिल्ली /पटना : रूस और यूक्रेन में चल रही युद्ध के बीच भारतीय छात्र भयभीत है । जहां भारतीय छात्र रह रहे हैं उसके आसपास बम बाजी और मिसाइल दागी जा रही है जिसको लेकर भारतीय छात्रों में खौफ का आलम पसरा हुआ है। यूक्रेन के खारकीब रेलवे स्टेशन से एक भारतीय छात्र ने वीडियो जारी करते हुए मीडिया से गुजारिश की है कि इस वीडियो को जितना हो सके वायरल कर हमारी मदद की जाए।
छात्र ने वीडियो जारी करते हुए कहा है कि खारकीब रेलवे स्टेशन पर करीब 500 छात्र छात्राएं ट्रेन से सफर करते हुए लदिव शहर की ओर निकलना चाह रहे हैं लेकिन उन सभी छात्रों को यूक्रेन की मिलिट्री बैठने नहीं दे रही है क्योंकि यूक्रेन की मिलिट्री सबसे पहले वहां के लोकल सिटीजन को ट्रेन से निकालने की कोशिश में लगा हुआ है।
हम आपको बता दें कि आज रूस ने एडवाइजरी जारी करते हुए यह कहा है की खारकीब शहर को जितना जल्द से जल्द हो सके खाली कर दिया जाए और उसी को लेकर खारकीब शहर में फंसे करीब 500 बच्चे रेलवे स्टेशन पर पहुंचकर खारकीब शहर को छोड़ने के लिए ट्रेन से निकलना चाह रहे हैं लेकिन आलम यह देखिए कि वहां की लोकल मिलिट्री इन लोगों को ट्रेन में बैठने नहीं दे रही है।
यूक्रेन में फसे भारतीय छात्र अभिषेक के पिता सतीश कुमार बताते हैं कि आज सुबह करीब 6:00 बजे सारे भारतीय बच्चे खर्कीव रेलवे स्टेशन पर पहुंचे जो ट्रेन खारकीब से होते हुए लदिव शहर की ओर जाती है और उसी ट्रेन से यह सारे भारतीय बच्चे लदिव शहर के लिए निकलने के लिए पहुंचे थे लेकिन उन्हें बहा के यूक्रेन मिलिट्री के द्वारा ट्रेन से उतार दिया गया। अगर भारतीय छात्र लदिव शहर के लिए ट्रेन से पहुंच जाते हैं तो यहां से बाय बस रोमानिया बॉर्डर तक यह लोग पहुंच जाएंगे ,जहां पर खतरा बहुत कम है और यहीं से प्लेन के माध्यम से इन्हें भारत तक पहुंचाया जा सकता है लेकिन बच्चे डरे-सहमे हैं क्योंकि उन्हें ट्रेन से सफर नहीं करने दिया जा रहा है । जबकि रूस ने यह अल्टीमेटम दिया है कि जितना जल्द से जल्द हो सके खर्कीव और कीव शहर को खाली कर दिया जाए।
इन सबके बीच सबसे बड़ी बात यह है कि करीब 500 भारतीय बच्चे खर्कीव शहर से निकलकर बाय रोड पैदल चलकर खारकीब स्टेशन पर पहुंचे थे। छात्रों के परिजनों ने भारत सरकार इन बच्चों को जल्द से जल्द निकलबाने की मांग की है। अभी भी सारे भारतीय छात्र रेलवे स्टेशन पर ही फँसे हुए है।