विजय शंकर 

पटना : जनता दल यूनाइटेड के प्रवक्ता और पूर्व विधान पार्षद प्रो. रणबीर नंदन ने कहा कि आज का दिन अपने अतीत को याद करने का दिन है। बीते हुए कल में बिहार चमका, लड़खड़ाया और फिर उठकर रेस में शामिल हुआ। आज हम उन पुरानी यादों से सीखकर एक बेहतर कल के निर्माण में जुटे हैं। हमारे माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सशक्त और प्रभावी नेतृत्व का ही कमाल है कि हम एक बार फिर दुनिया के साथ कदमताल करते दिख रहे हैं। आज पूरे विश्व भर में फैले बिहारी अपने प्रदेश के गठन का जश्न मना रहे हैं। अपनी धरा, मातृभूमि पर गर्व कर रहे हैं।
प्रो. रणबीर नंदन ने कहा कि एक ऐसा कालखंड भी आया, जब बाहर रहने वाले बिहारियों को ‘बिहारी’ कहलाने में शर्म की अनुभूति होती थी। लेकिन, माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शानदार नेतृत्व ने बिहार के माथे से उस दबे, कुचले, पिछड़े और अपनी ही जमीन से कटते जा रहे लोगों को उनकी पहचान वापस दिलाई। आज विश्व में कहीं भी बिहारी कहलाना गर्व का विषय बन गया है। लगातार डेढ़ दशक से प्रदेश की विकास दर डबल डिजिट को पार कर रही है। बिहारी प्रतिभा और क्षमता पर कभी भी संदेह नहीं किया गया, लेकिन कमजोर नेतृत्व ने कुछ कालखंड में बिहार को बदनामी के गर्त में धकेला।
प्रो. नंदन ने कहा कि बिहार का अर्थ मेरी नजर बी-हार यानी बिना हार माने आगे बढ़ते रहने वाला है। हमारा अपना प्रदेश कुछ ऐसा ही है। अगर उसे एक बेहतरीन लीडर मिल जाए तो बिना डरे, बिना झुके और बिना थके जीत की दहलीज तक पहुंच ही जाता है। बिहार की प्रतिभा का लोहा देश ही नहीं पूरी दुनिया मानती है। अब विकास के नए मापदंडों को स्थापित करने में भी बिहार आगे बढ़ रहा है। नीतीश कुमार के नेतृत्व में हम उस लक्ष्य को हासिल करके ही दम लेंगे।
प्रो. नंदन ने कहा कि हमें तीन-तीन बार काटा गया, बांटा गया। इसके बाद भी हम कहां रुके। 22 मार्च 1912 के बंगाल विभाजन के बाद बने बिहार को पहली बार 1 अप्रैल 1936 को काटा गया। तब ओडिशा राज्य की स्थापना की गई। फिर, 1 नवंबर 1956 को राज्य पुनगर्ठन के नाम पर बिहार के पुरुलिया जिला और पूर्णियां जिले के इस्लामपुर को पश्चिम बंगाल में मिलाया गया। इसके बाद 15 नवंबर 2000 को बिहार से काटकर झारखंड को अलग कर दिया गया। इन बंटवारों ने हमें चोट पहुंचाई, लेकिन इन चोटों ने हमें सबक भी दिया और उठ खड़े होने का हौसला भी।
प्रो. रणबीर नंदन ने कहा कि महात्मा गांधी की कर्मभूमि बिहार रही। चंपारण आंदोलन हो या भारत छोड़ो आंदोलन, हमने गांधी जी के बताए रास्तों को अपनाया। आज प्रदेश में महात्मा गांधी के सपने शराबबंदी को लागू कर माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बापू को सच्ची श्रद्धांजलि दी है। आज मौका है हमें अपनी गौरव के गान का। हम अपने प्रदेश को एक बेहतरीन प्रदेश के रूप में विकसित करेंगे। वैसा प्रदेश, जिसमें समाज के निचले तबके के लोगों को भी विकास से जोड़ा जाए, इस कार्य में मुख्यमंत्री लगे हैं। हमें उनके साथ कदम मिलाकर चलना होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *