इस्पात मंत्री श्री राम चन्द्र प्रसाद सिंह ने आज विज्ञान भवन, दिल्ली में किया राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन

subhash nigam
नयी दिल्ली : इस्पात मंत्री श्री राम चन्द्र प्रसाद सिंह ने आज विज्ञान भवन, दिल्ली में “इस्पात के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाना- सेकेंडरी स्टील क्षेत्र की भूमिका” विषय पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन का दीप प्रज्जवलित कर उद्घाटन किया । इस्पात मंत्रालय द्वारा आयोजित इस एक दिवसीय सम्मेलन में देश के 20 राज्यों से आए इस क्षेत्र के प्रमुख प्रतिनिधियों ने भाग लिया । 
 
अपने उद्घाटन भाषण में श्री सिंह ने कहा कि सम्मेलन का उद्देश्य माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी की भारतीय स्टील उद्योग को आत्मनिर्भर बनाने की कल्पना को अमली जामा पहनाना है । सेकेंडरी स्टील क्षेत्र से संवाद और विचारों के आदान प्रदान की इस शुरुआत को आगे भी जारी रखा जाएगा । हमारा प्रयास है कि सरकारी योजनाएं कागजों में बंद न रहें, जमीन पर उतारी जाएं और हितधारकों की सहभागिता बड़ाई जाए । मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को आगे बढ़ाने के लिए योजनाओं को व्यापारियों और निवेशकों के अनुरूप बनाया जा रहा है ।
 
माननीय मंत्री जी ने कहा कि सम्मेलन से प्राप्त उद्योग के सुझावों पर विचार किया जाएगा और उद्योग के लिए एक निर्बाध, पारदर्शी और लचीली प्रक्रिया सुनिश्चित करना भारत सरकार का उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि इस्पात उद्योग ने 1991 में 22 मिलियन टन से बढ़कर 2021-22 में 120 मिलियन टन तक उत्पादन में काफी प्रगति की है। 2030 तक 300 मिलियन टन और 2047 तक 500 मिलियन टन के लक्ष्य तक पहुँचने के लिए रणनीति तैयार करने की आवश्यकता है। मंत्री जी ने कहा कि लौह अयस्क और अन्य आवश्यक कच्चे माल के उत्पादन में वृद्धि के लिए उपयुक्त नीति समर्थन के साथ उचित रणनीतिक दिशा की आवश्यकता है। माननीय प्रधान मंत्री जी का स्वप्न है कि हमें न केवल दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का दर्जा हासिल करने की जरूरत है बल्कि विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्था के मुकाम तक पहुंचने की भी जरूरत है। हरित इस्पात की ओर बढ़ने की तत्काल आवश्यकता है और हाइड्रोजन मिशन इस दिशा में एक महत्वाकांक्षी कड़ी है। लोहा और इस्पात उद्योग मुख्य लाभार्थी होंगे क्योंकि कोयले को हाइड्रोजन से बदला जा सकता है और कोयले के आयात पर हमारी निर्भरता भी कम हो जाएगी। श्री सिंह ने कहा कि कोरोना समस्या के बावजूद देश में GST की एकत्रित राशि और निर्यात में वृद्धि हमारी अर्थव्यवस्था की मजबूती के प्रमाण हैं।
 
इससे पूर्व देश के विभिन्न राज्यों से आए उद्योगपतियों ने इस्पात मंत्री श्री सिंह की इस पहल के लिए खुले मन से प्रशंसा की और आभार व्यक्त किया । उन्होंने कहा कि कई वर्षों बाद हमे महसूस हुआ कि सरकार और उसके मंत्री हमे हमारे योगदान के अनुरूप स्थान और सम्मान दे रहे हैं और हमारी सुनवाई हो रही है ।
 
इस अवसर पर इस्पात और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते और एमएसएमई राज्य मंत्री श्री भानु प्रताप सिंह वर्मा भी उपस्थित थे। सम्मेलन के दौरान इस्पात मंत्रालय, खान मंत्रालय, एमएसएमई मंत्रालय और कोयला मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे ।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *