नवराष्ट्र मीडिया ब्यूरो
पटना : बिहार विधानसभा के बजट सत्र के अंतिम दिन भाजपा कोटे से अध्यक्ष बने विजय सिन्हा नेे माले विधायकों को मार्शल आउट के जरिए एक बार फिर लोकतंत्र को शर्मसार किया . संवैधानिक संस्थाओं के भाजपाकरण के अभियान के तहत विधानसभा अध्यक्ष भी पूरी मुस्तैदी से लोकतंत्र की संस्था का भाजपाकरण करने में लगे हुए हैं । बजट सत्र के दौरान भाकपा माले ने हर स्तर पर इसका विरोध किया और हर कदम पर उनके गैर संवैधानिक आचरण का पर्दाफाश किया.
31 मार्च को माले विधायक दल ने राज्य में लगातार गिरती कानून-व्यवस्था, माॅब लिंचिंग, भाजपा-आरएसएस द्वारा सांप्रदायिक उन्माद भड़काने की साजिशों, दलितों-अतिपिछड़ों-पिछड़ों व महिलाओं पर बर्बर सामंती व पितृसत्तात्मक हमले, अल्पसंख्यकों के खिलाफ घृणा प्रचार, राज्य में लूट की बढ़ती घटनाओं आदि विषय पर कार्यस्थगन प्रस्ताव दिया था. हाल के दिनों में ऐसी घटनाओं की बाढ़ सी आ गई है. खुद मुख्यमंत्री पर हमले हुए और सत्ताधारी जदयू के ही नेता की माॅब लिंचिंग व हत्या तक की घटनाएं हुईं.
विदित है कि नीतीश कुमार क्रिमनलाइजेशन, करप्शन और कम्युनलिज्म पर जीरो टाॅलरेंस का दावा करते नहीं अघाते, लेकिन आज पूरा बिहार पुलिस व सामंती-अपराधियों के आतंक से कराह रहा है. अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है. इन गंभीर विषयों पर भाजपाई विधानसभा अध्यक्ष ने माले विधायक दल के कार्यस्थगन प्रस्ताव पर गंभीरता दिखलाने की बजाए उलटे विधायकों को अपमानित किया व उन्हें जबरदस्ती उठाकर बाहर फेंकवा दिया. पिछले बजट सत्र के दौरान भी विपक्ष के विधायकों की बर्बर पिटाई की गई थी, जिसने पूरी दुनिया में बिहार व लोकतंत्र को शर्मसार किया था. इस घटना को लेकर गठित कमिटी की रिपोर्ट विधानसभा के पटल पर आने के पहले एक अखबार में प्रकाशित हो गया, जिसमें विधायकों को ही दोषी ठहराया गया है. जाहिर सी बात है कि वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष के नेतृत्व में भाजपा विपक्ष पर विभिन्न तरीकों से हमलावर होना चाहती है और लोकतांत्रिक मर्यादाओं का गला घोंट रही है. माले विधायकों के पहले एमआईएम के विधायक का भी मार्शल आउट किया गया.
राज्य के इन ज्वलंत सवालों पर सरकार बहस से लगातार भाग रही है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चुपी साध रखी है.
नीतीश कुमार की इस चुपी और विधानसभा अध्यक्ष के नेतृत्व में लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को कमजोर कर तानाशाही थोपने की इन कार्रवाइयों के खिलाफ देव कुमार साहनी (पातेपुर,प्रखंड- सहसचिव भाकपा (माले) के नेतृत्व में आज दिनांक 3 अप्रैल को पातेपुर बाजार में मार्च कर राज्यव्यापी विरोध दिवस मनाया गया। राज्यव्यापी विरोध दिवस में उमेश यादव (पातेपुर, प्रखंड सचिव भाकपा – माले), संजीत कुमार साहनी, (राघोपुर नरसंडा सरपंच पुत्र), लाल बाबू मंडल, विनोद राम, रामप्रसीद राय (बकाढ, वर्तमान सरपंच),हरि कुमार राय (ऐक्टू जिला अध्यक्ष), सुरेंद्र कुमार सुमन, गंगा प्रसाद मंडल, बच्चा मंडल,रामसोगारथ राय,विपत राय आदि दर्जनों भर साथी भाग लिया।