बंगाल ब्यूरो

कोलकाता। शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में शनिवार को एक तरफ जहां युवा तृणमूल नेता कुंतल घोष की गिरफ्तारी हुई तो वहीं दूसरी ओर बागदा के उस चंदन मंडल से भी पूछताछ हुई है जिस पर रुपये लेकर नौकरी देने के आरोप लगे थे। सीबीआई अधिकारियों ने शनिवार को उससे करीब छह घंटे तक पूछताछ की। चंदन ने पत्रकारों के सामने दावा किया कि उन्होंने किसी से पैसे नहीं लिए और किसी को नौकरी नहीं दी।

सीबीआई ने चंदन को शनिवार को पेश होने का नोटिस भेजा था। इससे पहले चंदन ईडी के कई समन से बचते रहे। जिसके चलते ईडी ने उनके खिलाफ लुक आउट नोटिस भी जारी किया था।

शनिवार सुबह 11 बजे चंदन मंडल निजाम पैलेस पहुंचे थे। पत्रकार के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “मैंने किसी से पैसे नहीं लिए, मैंने किसी को नौकरी नहीं दी। 2011 के विधानसभा चुनाव में उपेन बिस्वास ( तृणमूल के पूर्व मंत्री और सीबीआई के पूर्व अधिकारी) का समर्थन नहीं करने के लिए मुझे फंसाने की कोशिश कर रहे हैं।’
हालांकि, चंदन ने दावा किया कि वह दलाल प्रसन्न रॉय को जानते हैं, जिन्हें शिक्षक भर्ती भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रसन्ना से उनका संपर्क कारोबारी सूत्रों के जरिए था। लेकिन उन्होंने कारोबार का खुलासा नहीं किया। उनका दावा है कि उन्हें शिक्षक भर्ती भ्रष्टाचार के बारे में कुछ नहीं पता है। वह पेशे से गृह शिक्षक हैं। वह खेती और छोटा व्यवसाय भी करते हैं।

शनिवार को शाम पांच बजे तक निजाम पैलेस से चंदन मंडल को छोड़ा गया। पिछले साल अप्रैल में बागदा के पूर्व विधायक और सीबीआई के पूर्व अधिकारी उपेन बिस्वास ने सबसे पहले चंदन मंडल का नाम सार्वजनिक किया था। इसके बाद चंदन को कई बार सीबीआई की पूछताछ का सामना करना पड़ा। वह कोर्ट में पेश भी हुए। सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि चंदन जांच में सहयोग कर रहे हैं। इसलिए उसे गिरफ्तार करने की जरूरत नहीं है।

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