● पूर्णियां व कोसी क्षेत्र में बनाए गए 14 परीक्षा केंद्र
● 01 जून से 07 जुलाई तक होगी परीक्षा
● इग्नू ने देश-विदेश में बनाए 841 परीक्षा केन्द्र
● भारत से बाहर 12 मुल्कों में 24 केन्द्र
● एक ही प्रश्न पत्र पर होगी देश-विदेश में परीक्षा
● परीक्षार्थियों को अपने साथ इग्नू आई कार्ड लाना अनिवार्य
सुबोध,
इग्नू की जून 2023 सत्रांत परीक्षा आगामी 01 जून से शुरू होने जा रही है। इग्नू प्रशासन ने देश-विदेश में कुल 841 परीक्षा केन्द्र बनाए हैं। भारत से बाहर 12 मुल्कों में 24 केन्द्र बनाए गए हैं और इन सभी परीक्षा केंद्रों पर एक ही प्रश्न पत्र पर भारतीय समयानुसार परीक्षा संचालित होगी। इग्नू क्षेत्रीय केन्द्र सहरसा द्वारा सोमवार को आयोजित वर्चुअल मीटिंग में क्षेत्रीय निदेशक डॉ. मिर्ज़ा नेहाल अहमद बेग़ सभी केंद्राधीक्षकों से मुखातिब थे।
मारवाड़ी कॉलेज, किशनगंज स्थित इग्नू शिक्षार्थी सहायता केन्द्र – 86011 के समन्वयक-सह-केन्द्राधीक्षक डॉ. सजल प्रसाद ने क्षेत्रीय निदेशक के हवाले से बताया कि पूर्णियां व कोसी क्षेत्र के सात जिलों में कुल 14 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। इन सभी परीक्षा केन्दों में कुल 16500 परीक्षार्थी परीक्षा देंगे। आगामी 01 जून से 07 जुलाई तक दोनों पालियों में परीक्षा संचालित होगी।
केंद्राधीक्षक ने बताया कि मारवाड़ी कॉलेज में बनाए गए इग्नू परीक्षा केन्द्र में 01 जून से 07 जुलाई के बीच कुल 62 पालियों में कुल 11455 परीक्षार्थी जून, 2023 सत्रांत परीक्षा में सम्मिलित होंगे। इग्नू की परीक्षा एक ही प्रश्न पत्र पर देश-विदेश के परीक्षा केंदों में संचालित होने से इग्नू की डिग्री का काफी महत्व है।
डॉ. प्रसाद ने बताया कि परीक्षार्थियों के हॉल टिकट जारी कर दिए गए हैं। परीक्षार्थी हॉल टिकट डाउनलोड कर हार्ड कॉपी निकाल लें। परीक्षर्थियों को अपने साथ इग्नू द्वारा जारी फोटोयुक्त आई कार्ड लाना अनिवार्य है। इग्नू के आई कार्ड और हॉल टिकट के बग़ैर प्रवेश नहीं मिलेगा। मोबाइल फोन या कोई भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लाना भी वर्जित है।
डॉ. प्रसाद ने बताया कि वीक्षकों को भी पूरी कड़ाई के साथ परीक्षा लेने का निर्देश दिया गया है। परीक्षा के दौरान विधि-व्यवस्था संधारण के लिए अनुमंडल दंडाधिकारी अमिताभ गुप्ता को लिखित अनुरोध किया गया है। इग्नू मुख्यालय द्वारा जिला प्रशासन को भी इस बाबत पत्र दिया गया है। परीक्षा के दौरान आब्जर्वर की भी प्रतिनियुक्ति रहेगी। इसके अलावा फ्लाइंग स्क्वायड भी परीक्षा का औचक निरीक्षण कर सकती है।