गया। युवा जदयू नेता कुमार गौरव उर्फ गौरव सिन्हा ने कहा देश का पहला राज्य है बिहार जहां जाति आधारित गणना किया जा रहा है। इस गणना के शुरू होने के बाद विपक्ष द्वारा विरोध जताए जाने के बाद मामला कोर्ट में लंबित था। पटना हाई कोर्ट द्वारा पुनः बिहार में जाति आधारित गणना को हाईकोर्ट से हरी झंडी दिए जाना राज्य सरकार की ईमानदार सोच को पुनः बहाल कर दिया। इस गणना के शुरू किए जाने के बाद बिहार में एकबार फिर से मुख्यमंत्री की सोच को नया आयाम मिला है। आगे उन्होंने कहा कि पटना हाई कोर्ट ने बिहार में जाति आधारित गणना एवं आर्थिक सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली आधा दर्जन याचिकाओं को खारिज कर दिए जाने के बाद से इस गणना का रास्ता साफ हो गया और अधूरे पड़े गणना का कार्य राज्य सरकार द्वारा शुरू कर दिया गया है, जो बिहार जो बिहार सरकार की जीत है। श्री सिन्हा ने आगे बताया कि जाति आधारित गणना का लगभग 80 फीसदी काम पहले ही चरण में पूरा किया जा चुका है।


पटना हाई कोर्ट ने नीतीश सरकार को बड़ी राहत देते हुए बिहार में जाति आधारित गणना एवं आर्थिक सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली आधा दर्जन याचिकाओं को खारिज कर दिया। इसके साथ ही इस गणना का रास्ता साफ हो गया है। पटना उच्च न्यायालय के आए फैसले के बाद सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा आवश्यक निर्देश देते हुए गणना का कार्य शुरु कर देश के लिए नजीर पेश किया है। इस जातीय जनगणना से जनता की जाति, उपजाति, धर्म और संप्रदाय के साथ ही उनकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति का भी पता लग जाएगा जो बिहार की जनता के हित में होगा और आगे इसका पूरा देश अवलोकन करेगा।

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