डॉ. सुरेन्द्र सागर
सावन में उमड़ते घुमड़ते बादल और बारिश ने कैमूर जिले के अधौरा पहाड़ी के प्राकृतिक सौंदर्य को पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना दिया है।बरसात के रफ्तार पकड़ते ही कैमूर की पहाड़ियों की रौनक लौट आई है।पहाड़ी से गिरने वाले जल प्रपात बरबस ही लोगों को अपनी तरफ खींचने लगा है।यही कारण है कि इनदिनों ऐसे पर्यटक स्थलों पर लोगों की भीड़ बढ़ने लगी है।
ऐसे ही खूबसूरत पहाड़ की वादियों में बसे अधौरा का तेल्हाड़ कुंड शिमला,सोलन,कुल्लू और मनाली से भी अधिक खूबसूरत छटा बिखेर कर पर्यटकों को अपनी ओर खींच रहा है।तेल्हाड़ कुंड में पहाड़ के ऊपर से नीचे गिरता हुआ जल प्रपात सबका मन मोह रहा है। यहां पहुंचकर कोई पिकनिक स्पॉट के रूप में परिवार और दोस्तों संग मौज मस्ती कर रहा है तो कोई झूम झूम कर स्नान करते सेल्फी का आनन्द उठा रहा है।वन विभाग पर्यटकों की यहां उमड़ रही भारी भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के दृष्टिकोण से बेरिकेटिंग करवाने में जुटा हुआ है तो साथ ही अधिक पानी की तरफ जाने और स्नान करने से भी रोकने की दिशा में कदम उठा रहा है।
तेल्हाड़ कुंड की तरफ जाने वाले सड़क की मरम्मती भी की जा रही है और यहां पर्यटकों के बैठने के लिए भी इंतजाम किए जा रहे हैं।
बारिश के मौसम में तेल्हाड़ कुंड का मनोरम दृश्य देखने लायक है।पहाड़ की चट्टानों से टकराकर आगे बढ़ रहा पानी जब कुंड में गिरता है तो धुंआ ही धुंआ नजर आता है।यह दृश्य काफी मनमोहक लगता है और पर्यटक यहां खिंचे चले आते हैं।
कैमूर के डीएफओ चंचल प्रकाश ने बताया कि भभुआ अधौरा पथ पर तेल्हाड़ कुंड बरसात का मौसमी जलप्रपात है। यहां बारिश के समय तेज जलधारा के साथ पानी गिरता है और उसे देखने के लिए काफी संख्या में लोग आते हैं।कुंड के आसपास बैरिकेटिंग कराया जा रहा है,इसलिए कि यह कुंड बहुत गहरा है। जब बैरिकेडिंग नहीं था तो लोगों के गिरने की संभावना बनी रहती थी। इसकी खूबसूरती बढ़ी है और अब यह काफी हद तक सुरक्षित हो गया है। यहां पर पर्यटकों को बैठने के लिए बेंच डेस्क की व्यवस्था करा दी गई है। उन्होंने बताया कि यहां पश्चिम बंगाल, बिहार ,यूपी ,झारखंड सहित कई राज्यों के लोग आते हैं।
इसकी गिनती गहरे कुंडों में होती है।फिलहाल बिहार के पहाड़ी इलाकों में मौजूद प्राकृतिक सौन्दर्यो में से एक कैमूर के अधौरा स्थित तेल्हाड़ कुंड में पर्यटकों की भारी भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के कई स्तरों पर प्रबंध किए गए हैं।