विजय शंकर
पटना । बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी सोशल मीडिया के जरिए लोगों तक पहुंचने का सबसे सरल और सुगम रास्ते का प्रयोग किया था,वैसे तो सभी पार्टियां ज्यादातर लोगों तक पहुंचने के लिए इस हथकंडे का प्रयोग किया किंतु कांग्रेस बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का घोषणा होने से पहले ही पूरी तरह सोशल मीडिया पर अपना जाल बिछा चुका था।
ट्विटर और फेसबुक के माध्यम से जहां सरकार के द्वारा जारी आंकड़े का हवाला देते हुए भाजपा जदयू की सरकार पर हर रोज नए तरीके से करारा प्रहार करते हुए दिखा तो वहीं चुनाव की तारीखों का ऐलान होते हीं हर रोज अपने तरकश से अलग-अलग मुद्दे रूपी तीर छोड़ने लगा।
पार्टी की माने तो सोशल मीडिया के जरिए लोगों तक छोटे-छोटे वीडियो क्लिप्स बना कर तथा ग्राफिक्स के जरिए भाजपा जदयू के 15 वर्षों के शासनकाल के दौरान उसके गलत नीतियों की वजह से बिहार जिस बदहाली का शिकार हुआ था उसे लोगों तक पहुंचाने में ज्यादा कारगर सिद्ध हुआ और लोग जब उस वीडियो को देखता था तो उसे फिल्म की तरह हर वह स्क्रिप्ट दिलो दिमाग में बैठ रहा था, इस वजह से कांग्रेस ने यह तरीका भाजपा जदयू की नाकामियों को उजागर करने का बेहतर रास्ता ढूंढा।
जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक होते गया वैसे-वैसे कांग्रेस आक्रमक रुख अख्तियार करते गया। बोले बिहार बदलें सरकार का नारा लोगों को खूब भाया और हर किसी के जुबान पर मानो यह नारा अपना कब्जा कर बैठा हो। इस नारे के तहत सरकार की खामियों को उजागर करते हुए सोशल मीडिया पर भाजपा जदयू की जमकर खिंचाई की और यह अभियान जन-जन तक पहुंचाया गया।
का किये हो? अभियान भी कारगर सिद्ध हुआ जिसके तहत नीतीश कुमार तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरते हुए बिहार की जनमानस को एक बेहतर प्लेटफार्म दिया इस प्लेटफार्म के तहत बिहार वासी भी सरकार से जमकर सवाल किया।
इस अभियान में बिहार की जनता रोजगार से लेकर किसान; महिला सुरक्षा से लेकर भ्रष्टाचार; लॉकडाउन की बदहाली से लेकर पलायन; बंद होते उद्योगों से लेकर दम तोड़ते सपनों तक अपनी आवाज बुलंद किया।