RUKUM DISTRICT, NEPAL - APRIL 22: Maoist insurgents celebrate in the Rukum District of Nepal April 22, 2004 weeks after their attack on government troops in Beni when they overran the district headquarters, looting a bank, destroying the jail and torching government office buildings. The government said that 32 security personnel died in the clash and 37 were kidnapped. The clash was one of the deadliest since 1996 when fighting began to topple the constitutional monarchy and install a communist republic. The guerrillas' strength is hard to gauge. Analysts and diplomats estimate there about 15,000-20,000 hard-core fighters, including many women, backed by 50,000 "militia". In their remote strongholds, they collect taxes and have set up civil administrations, and "people's courts" to settle rows. They also raise money by taxing villagers and foreign trekkers. Though young, they are fearsome fighters and specialise in night attacks and hit-and-run raids. They are tough in Nepal's rugged terrain, full of thick forests and deep ravines and the 150,000 government soldiers are not enough to combat this growing movement that models itself after the Shining Path of Peru. (Photo by Ami Vitale/Getty Images)

नवराष्ट्र मीडिया नेशनल ब्यूरो

नई दिल्लीः राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने झारखंड स्थित तेतरियाखाड कोल माइंस अटैक मामले में बिहार के कई ठिकानों पर छापेमारी की है।

जानकारी के मुताबिक इस मामले में दर्ज प्राथमिकी (RC-01/2021/NIA/RNC) को लेकर ये छापेमारी बिहार के भागलपुर और पुर्णियां के दो-दो ठिकानों पर की गई है। मामले में अवैध वसूली और सरकारी कार्य में व्यवधान उत्पन्न करने की बात की गई है। इस छापेमारी के दौरान एक व्यक्ति को गिरफ्तार भी किया गया है।

इस दौरान एनआईए की टीम को पांच मोबाइल फोन, एक कंप्यूटर हार्ड डिस्क, एक राईफल मैगजीन के साथ, एक पिस्टल और कई गोलियां आदि बरामद की गई है। साथ ही इस दौरान एक करोड़ तीस लाख की नकदी के साथ कई दस्तावेज भी बरामद की गई है।

एनआईए ने इस मामले को झारखंड पुलिस से मार्च 2021 के दौरान अपने हाथ में लिया था और अभी तक 24 लोगों के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किया है।

मूलतः यह मामला बालूमठ थाने में दिसंबर, 2020 में दर्ज किया गया था। कोल माइंस हमले में एक आतंकी समूह शामिल था जिसमें माओवादी समूह के सदस्य सुजीत सिंहा, अमन साहू व कुछ अन्य लोग शामिल थे।

एनआईए की ओर से किए गए अनुसंधान के मुताबिक अमन साहू का अपराधिक समूह डीएसपी पर हमला, अवैध वसूली समेत कई अपराधिक मामले में शामिल है। इस समूह का संपर्क झारखंड के बाहर नक्सली संगठनों से भी है। आज की गई छापेमारी की कार्रवाई में इसी समूह के सदस्यों पर कार्रवाई की गई है। भागलपुर जिले का शंकर यादव भी इस समूह में शामिल है और उसके ठिकाने पर भी छापेमारी की गई है। वह भी अवैध वसूली के कार्य में शामिल है। अमन साहू के नाम पर की गई वसूली के पैसे को शंकर रियल स्टेट के कारोबार में लगाता था। यादव को एक करोड़ तीस लाख रुपये के साथ गिरफ्तार कर लिया गया। साहू समूह का एक अन्य सदस्य प्रमोद यादव ने अपने यहां एक दूसरे सदस्य प्रदीप गंझू को शरण दे रखा था। प्रदीप बिहार के मधेपुरा जिले का रहने वाला है वह कई मामले में बिहार पुलिस का वांछित अपराधी है। उसके सिर पर तीन लाख रुपये का ईनाम घोषित है।

 

 

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