मानव सभ्यता की अमूल्य धरोहर है नालंदा विश्वविद्यालय

navrashtra media bureau

पटना :  आज नालंदा विश्वविद्यालय के परिसर के उद्घाटन के हुए उद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार का आभार प्रकट करते हुए जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री राजीव रंजन ने आज कहा है कि नालंदा विश्वविद्यालय केवल देश का ही नहीं बल्कि मानव सभ्यता की अमूल्य धरोहर है। जब पूरी दुनिया में विश्विद्यालयों का निर्माण प्रारंभ हुआ था उससे भी 600 साल पहले नालंदा विश्वविद्यालय में शिक्षण कार्य सुचारू रूप से चल रहे थे। कालांतर में भारत के वैभव और ज्ञान परंपरा से जलने वाले आक्रमणकारियों ने इसका विध्वंस कर दिया था, लेकिन मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने इसे फिर से मूर्त रूप देकर प्रत्येक बिहारवासी के सपने को साकार किया है। आज इसके परिसर का उद्घाटन कर के नमो-नीतीश ने बिहार के गौरव की पुनरू स्थापना की है। इसके लिए हर बिहारवासी उनका आभारी रहेगा।

नालंदा विश्वविद्यालय के महत्व के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि जिस वक्त पूरी दुनिया अंधकार के दौर में थी भारत में नालंदा विश्वविद्यालय ज्ञान का दीप जलाए हुए थी। इस विश्वविद्यालय में तकरीबन 10,000 विद्यार्थी और 2000 अध्यापक थे। उस समय यहां भारत ही नहीं बल्कि कोरिया, जापान, चीन, तिब्बत, इंडोनेशिया, ईरान, ग्रीस, मंगोलिया आदि अन्य देशो के छात्र पढ़ने के लिए आते थे। इस विश्वविद्यालय में चयन मेरिट के आधार पर होता था और निःशुल्क शिक्षा दी जाती थी। साथ ही उनका रहना और खाना भी पूरी तरह निःशुल्क होता था। उस समय यहां लिटरेचर, एस्ट्रोलॉजी, साइकोलॉजी, लॉ, एस्ट्रोनॉमी, साइंस, वारफेयर, इतिहास, मैथ्स, आर्किटेक्टर, भाषा विज्ञानं, इकोनॉमिक, मेडिसिन आदि कई विषय पढ़ाएं जाते थे। स समय यहां लिटरेचर, एस्ट्रोलॉजी, साइकोलॉजी, लॉ, एस्ट्रोनॉमी, साइंस, वारफेयर, इतिहास आदि विषय पढाये जाते थे। इसी से इसकी समृद्धि का पता चलता है।

उन्होंने कहा कि नवनिर्मित परिसर में 40 कक्षाओं वाले दो शैक्षणिक ब्लॉक हैं। इन शैक्षणिक ब्लॉक में बैठने की कुल क्षमता लगभग 1900 है। इसमें 300 सीटों की क्षमता वाले दो सभागार हैं। इसमें लगभग 550 छात्रों की क्षमता वाला एक छात्रावास है। इसमें अंतर्राष्ट्रीय केंद्र, 2000 व्यक्तियों तक की क्षमता वाला एम्फीथिएटर, फैकल्टी क्लब और खेल परिसर सहित कई अन्य सुविधाएं भी हैं। इसके अलावा यह परिसर एक ‘नेट जीरो’ ग्रीन कैंपस है। यहां सोलर प्लांट, पीने योग्य पानी के लिए वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट, वॉटर रीसाइक्लिंग प्लांट लगाने के साथ 100 एकड़ जल निकाय और कई पर्यावरण अनुकूल सुविधाओं का विकास किया गया है।

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