पुडुचेरी । पुडुचेरी में आज कांग्रेस की सरकार गिर गई है । सोमवार को फ्लोर टेस्ट से पहले ही मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी ने उपराज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन से मुलाकात कर अपना इस्तीफा सौंप दिया । एक साल में कांग्रेस की दूसरी सरकार गिरी है।इसके साथ पूरे दक्षिण भारत में सत्ता से कांग्रेस का सफाया हो गया है।

पुडुचेरी कांग्रेस शासित गठबंधन की सरकार सोमवार को कमलनाथ के नेतृत्व वाली मध्य प्रदेश सरकार के पिछले साल मार्च में 365 दिनों के भीतर गिर जाने के बाद एक साल के अंदर गिरने वाली दूसरी सरकार बन गई. कर्नाटक की गठबंधन सरकार को भी गिन लिया जाए तो इस तरह से गिरने वाली यह तीसरी सरकार है. कर्नाटक की गठबंधन सरकार को कांग्रेस का समर्थन प्राप्त था. कांग्रेस अब सिर्फ तीन राज्यों – पंजाब, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सिमट कर रह गई है. वहीं, झारखंड और महाराष्ट्र में ये गठबंधन में सत्तारूढ है.

पुडुचेरी के निवर्तमान मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी ने विधानसभा में फ्लोर टेस्ट का सामना करने से ठीक पहले अपनी कांग्रेस नीत सरकार के पतन के बाद इस्तीफा दे दिया.

फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा को संबोधित करते हुए नारायणसामी ने आरोप लगाया कि भाजपा भारत की लोकतांत्रिक प्रणाली को पटरी से उतार रही है. उन्होंने कहा कि अब पुडुचेरी में जो हो रहा है वह राजनीतिक वेश्यावृत्ति है, लेकिन सच्चाई की जीत होगी. उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व उपराज्यपाल किरण बेदी और केंद्र ने विपक्ष के साथ मिलकर उनकी सरकार को अस्थिर कर दिया.

नारायणसामी ने सरकार गिराने के लिए विपक्ष के साथ मिलीभगत के लिए केंद्र सरकार को फटकार लगाई. तीन मनोनीत विधायकों के मतदान के अधिकार पर बहस के बाद मुख्यमंत्री और उनके विधायक सदन से बाहर चले गए. कांग्रेस नेता और पूर्व महासचिव बीके हरिप्रसाद ने कहा कि भाजपा उन सरकारों को नीचे गिराती है, जहां उसे चुनाव के माध्यम से बहुमत नहीं मिलती.

2016 में कांग्रेस विधानसभा चुनाव जीत कर पुडुचेरी में सत्ता आई थी तो उसके पास कुल 15 विधायक थे ।साथ ही सहयोगी डीएमके के 4 और एक निर्दलीय उम्मीदवार का साथ था. लेकिन अब जब कांग्रेस के कुल 5 और डीएमके के 1 विधायक ने इस्तीफा दे दिया और एक को अयोग्य घोषित कर दिया गया है। तब पार्टी के पास कुल मिलाकर 12 विधायक बचे हैं। वहीं विपक्ष के पास इस समय 14 सदस्य हैं, जिसमें 7 एनआर कांग्रेस के 4 एआईएडीएमके के और तीन मनोनीत जिन्हें किरण बेदी ने चुने थे. ऐसे में मुख्यमंत्री नारायणसामी की सरकार सत्ता खोने की कगार पर पहुंच गई थी.

उन्होंने बताया कि पिछले साल ठीक इसी समय कांग्रेस के पूर्व नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के विद्रोह के परिणामस्वरूप मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिर गई थी. यहां कांग्रेस ने पंद्रह साल बाद सत्ता में वापस आने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाया था. पुडुचेरी, मध्य प्रदेश और कर्नाटक के बीच समानता यह है कि कांग्रेस के विधायकों ने पार्टी के खिलाफ विद्रोह किया और उनके इस्तीफे के कारण सरकार का पतन हो गया. वहीं, गोवा में दस विधायक बीजेपी में शामिल हो गए और पिछले पांच वर्षों में पश्चिम बंगाल में लगभग 20 विधायकों ने तृणमूल में शामिल होने के लिए अपनी पार्टी छोड़ दी ।

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