बंगाल ब्यूरो
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में आसन्न विधानसभा चुनाव के दौरान शांतिपूर्वक और निष्पक्ष तरीके से मतदान संपन्न कराना चुनाव आयोग की सबसे बड़ी चुनौती है। चुनावी हिंसा के लिए कुख्यात रहे बंगाल में इस बार आयोग ने आठ चरणों में चुनाव कराने का निर्णय लिया है। यहां बाकी राज्यों की तुलना में यहां चार विशेष पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए हैं। अब आयोग सूत्रों ने बताया है कि इसी सप्ताह के अंत तक चारों विशेष पर्यवेक्षक बंगाल आ जाएंगे। इनमें से दो पयर्वेक्षक आईएएस अधिकारी अजय वी नायक और वी मुरली कुमार है। अजय नायक को पूरे चुनाव के पर्यवेक्षण की जिम्मेवारी सौंपी गई है जबकि वी मुरली कुमार को प्रत्याशियों द्वारा किए जाने वाले आय-व्यय का पर्यवेक्षण करने की जिम्मेवारी दी गई है। इसके अलावा इस बार बंगाल में किसी भी तरह से चुनावी हिंसा ना हो सके और प्रशासन की कथित मिलीभगत से धांधली ना हो इसके लिए दो विशेष पुलिस पर्यवेक्षक भी नियुक्त किए गए हैं। आईपीएस विवेक दुबे और मृणाल कांति दास को यह जिम्मेवारी सौंपी गई है। खास बात यह है कि लोकसभा चुनाव के समय भी विवेक दुबे को यह विशेष जिम्मेवारी मिली थी और सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने उन पर भारतीय जनता पार्टी को लाभ पहुंचाने के आरोप लगाए थे। अब एक बार फिर चुनाव आयोग ने उन्हें बंगाल का प्रभार सौंपा है। इसके अलावा मृणाल कांति दास भी तेजतर्रार अधिकारियों में शामिल रहे हैं और चुनाव के समय सुरक्षा बहाली और कई अन्य जिम्मेदारियों को बखूबी निभा चुके हैं। सूत्रों ने बताया है कि रविवार से पहले ये चारों पयर्वेक्षण बंगाल आ जाएंगे ताकि पहले चरण के मतदान से पहले सत्तारूढ़ पार्टी और विपक्षी पार्टियों की शिकायतों का निपटान कर सुचारू तरीके से मतदान संपन्न कराया जा सके।