विजय शंकर
पटना । 15 वें वित्त आयोग की अनुशंसाओं का राज्यों पर पड़ने वाले प्रभाव पर ‘सेंटर फाॅर पाॅलिसी रिफाॅर्म’ की ओर से आयोजित वेबिनार को सम्बोधित करते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री व सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि वित्त आयोग की अनुशंसा पर बिहार को अगले पांच साल में 4 लाख 78 हजार 751 करोड़ की राशि प्राप्त होगी जो उत्तर प्रदेश के बाद सर्वाधिक है। इनमें 4 लाख 24 हजार 926 करोड़ रुपये केन्द्रीय करों में हिस्से के तौर पर होगी जबकि 53,885 करोड़ रुपये अनुदान के रूप में प्राप्त होगा। केन्द्रीय करों में बिहार के हिस्से में भी 0.396 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस राशि से बिहार आने वाले दिनों में तेजी से विकास कर सकेगा।
बिहार को बेहत्तर वित्तीय प्रबंधन की वजह से रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट से वंचित होना पड़ा है जबकि अत्यधिक कर्ज लने के कारण ब्याज तथा कर्मचारियों के वेतन-पेंशन भुगतान में दिक्कत झेल रहे 17 राज्यों को 2 लाख 95 हजार करोड़ का अनुदान दिया गया है, जिनमें केरल को 37,814 करोड़, पश्चिम बंगाल को 40,115 करोड, आन्ध्र प्रदेश को 30,497 करोड़ व पंजाब को 25,968 मिला है।
श्री मोदी ने कहा कि 15 वें वित्त आयोग ने बिहार के शहरी निकायों के लिए 11,689 करोड़ रुपये की अनुशंसा किया है जो 14 वें वित आयोग की अनुशंसा से पांच गुना अधिक है। पहली बार जिला परिषद, पंचायत समिति एवं ग्राम पंचायतों के लिए अनुदान दिया गया है।
स्थानीय निकायों के माध्यम से स्वास्थ्य प्रक्षेत्र के लिए भी पहली बार 6,017 करोड़ रुपये अनुदान की राशि की अनुशंसा की गई है। इसके अलावा आपदा प्रबंधन के लिए 14 वें वित्त आयोग की तुलना में चार गुना अधिक 10,432 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
वेबिनार को आयोग के अध्यक्ष डा. एन के सिंह, मेधालय के मुख्यमंत्री कोनार्ड संगमा व आन्ध्र प्रदेश के वित्त मंत्री राजेन्द्र रेड्डी ने भी सम्बोधित किया।