विजय शंकर
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए को मिली जीत और महागठबंधन को मिली हार के कारण राजद-कांग्रेस कार्यालय में सन्नाटा पसरा रहा। गिने-चुने नेता ही पार्टी कार्यालय में दिख रहे थे। इस बीच देश के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की 132वीं जयंती बुधवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम में मनायी गयी। समारोह की अध्यक्षता प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा ने की।
इस अवसर पर डॉ. झा ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन में मौलाना अबुल कलाम आजाद ने पंडित नेहरू के साथ कंधे से कंधा मिलाकर संघर्ष किया। देश को स्वतत्रता मिलने के बाद उन्होंने देश के विभाजन का विरोध किया। मौलाना अबुल कलाम आजाद स्वतंत्रता के बाद 12 वर्षो तक देश के शिक्षा मंत्री रहे। उन्होंने देश में नई शिक्षा नीति की आधारशिला रखी। आज कृतज्ञ राष्ट्र मौलाना अबुल कलाम आजाद के योगदान को स्मरण कर उनकी स्मृति को बार-बार नमन करती है।
इसके पूर्व मौलाना अबुल कलाम आजाद के तैल चित्र पर सांसद डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह, एमएलसी प्रेमचन्द्र मिश्र, प्रवक्ता राजेश राठौड़, संजीव कुमार कर्मवीर, अरविन्द लाल रजक, डॉ. पुरूषोत्तम मिश्रा, जनार्दन शर्मा, पूर्व विधायक, राजकुमार राजन, अजय कुमार टून्नू, धनंजय शर्मा, सुनील कुमार सिंह आदि ने माल्यापर्ण कर श्रद्धांजलि अर्पित किये।