नवराष्ट्र मीडिया ब्यूरो

पटना। राजधानी के गर्दनीबाग ठाकुरबाड़ी में आयोजित पांच दिवसीय भागवत कथा का गुरुवार को रूकमिणी विवाह प्रसंग के बाद समापन हो गया। भागवत कथा 22 मई से आरंभ होकर 26 मई तक चली जिसमें आसपास इलाके के सैकड़ो की संख्या में स्त्री व पुरूष श्रद्धालुओं ने कथा का श्रवण किया। अयोध्या चित्रगुप्त धाम से आए कथावाचक महर्षि दास जी महराज में भागवत कथा के दौरान भगवान श्रीकृष्ण व माता रूकमिणी के विभिन्न प्रसंगों की चर्चा करते हुए उसे जीवन में उतारने का आग्रह किया। कथावाचक ने भगवान श्रीकृष्ण विवाह से जुड़े कई गीतों की प्रस्तुति कर माहौल को भक्तिमय किया। इस दौरान उन्होंने भगवान के जीवन से जुड़े पहलुओं की चर्चा करते हुए उसे समाज में मनन करने का आग्रह किया। इस मौके पर गर्दनीबाग ठाकुरबाड़ी न्यास समिति के अध्यक्ष व पूर्व विधान पार्षद प्रो. रणबीर नंदन ने कथा का समापन करते हुए कहा कि कथा के दौरान माता के दूध की चर्चा कर प्रसंग को रोचक बना दिया। उन्होंने कहा कि मां का दूध सबसे महान है और इसका कर्ज कभी उतारा नहीं जा सकता। उन्होंने मां का दूध से जुड़ा रामयण का प्रसंग की चर्चा करते हुए कहा कि लंका विजय के पश्चात हनुमान जी जब माता अंजना के पास गये तो उन्होंने हनुमान जी की फटकार लगाई और कही की तुम्हारे रहते भगवान को कष्ट हुआ। तब माता अंजना से अपने दूध को फेककड़ पर्वत को चकनाचुर किया ये होती है दूध की महिमा। प्रो. नंदन ने कथावाचक का स्वागत करते हुए कहा कि वे अगले वर्ष भी इसी तिथि को भी इस ठाकुरबाड़ी परिसर में भागवत कथा का वाचन करें जिसे कथावाचक ने स्वीकार कर लिया। इस मौके पर आयोजक अशोक कुमार श्रीवास्तव, समाजसेवी नम्रता नंदन व गर्दनीबाग ठाकुरबाड़ी के मुख्य पुजारी सत्यप्रकाश पांडेय ने भागवत कथा में सहयोग दिया। कथा समापन के पश्चात भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *