नवराष्ट्र मीडिया ब्यूरो

पटना : जिलाधिकारी, पटना शीर्षत कपिल अशोक ने कहा है कि नशा-मुक्ति अभियान में सभी हितधारकों (स्टेकहोल्डर्स) की सक्रिय सहभागिता आवश्यक है। वे आज समाहरणालय स्थित सभागार में नशा-मुक्ति अभियान से संबंधित एक-दिवसीय क्षमतावर्द्धन कार्यशाला में पदाधिकारियों, छात्र-छात्राओं एवं सिविल सोसायटी के सदस्यों को संबोधित कर रहे थे। इस कार्यशाला का आयोजन जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग, पटना के तत्वाधान में किया गया था। जिलाधिकारी ने कहा कि हमारा देश युवाओं का देश है। जनसांख्यिकीय लाभांश तभी प्रभावी रह सकता है जब हम सभी खासकर हमारे युवा सकारात्मक कार्यों में संलग्न रहें। अन्यथा जनसांख्यिकीय लाभांश का रूपांतरण जनसांख्यिकीय भार में होने की आशंका रहती है। उन्होंने कहा कि हमारा राज्य बिहार मद्य-निषेध अभियान के लिए पूरे देश में रोल मॉडल है। सम्पूर्ण बिहार राज्य में 05 अप्रैल, 2016 से पूर्ण शराबबंदी है। इसका सकारात्मक प्रभाव सामाजिक एवं आर्थिक क्षेत्र में परिलक्षित हो रहा है। जिलाधिकारी ने कहा कि हमारे संविधान के भाग IV में राज्य के नीति-निदेशक सिद्धांतों के तहत अनुच्छेद-47 में स्पष्ट रूप से वर्णित है कि ‘सरकार शराब और दूसरे नशीले पदार्थों, जो लोगों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, पर रोक की दिशा में काम करेगी‘। कार्यक्रम में जिलाधिकारी द्वारा उपस्थित सभी अधिकारियों, छात्र-छात्राओं एवं अन्य को नशामुक्ति से संबंधित शपथ दिलाया गया। उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार शराब लगभग 200 बीमारियों को बढ़ाता है। इसके सेवन के कारण विश्वभर में एक साल में कई लाख लोगों की मृत्यु होती है। नशा के कारण युवाओं में मृत्यु दर वृद्ध लोेगों की अपेक्षा काफी अधिक है। अतः हम सबको नशामुक्ति के प्रति दृढ़ संकल्प लेने की आवश्यकता है। जिलाधिकारी ने कहा कि हमलोग नशामुक्त समाज की स्थापना की ओर अग्रसर हैं। जिला प्रशासन द्वारा नियमित तौर पर जागरूकता अभियान एवं उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया जाता है।

जिलाधिकारी ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम में एनसीसी, एनएसएस, स्काउट एण्ड गाईड के छात्र-छात्रा तथा नेहरू युवा केन्द्र के स्वयंसेवक उपस्थित हैं। हमारे ये सभी युवा नशामुक्ति अभियान के ब्रैंड एम्बेस्डर हैं। ये सभी गाँव-गाँव तक लोगों को जागरूक करेंगे तथा नशामुक्ति अभियान में सक्रिय सहयोग प्रदान करेंगे।

कार्यक्रम में सहायक निदेशक, जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग, पटना श्रीमती स्नेहा द्वारा कार्यशाला के उद्देश्य एवं गतिविधियों पर प्रकाश डाला गया। उन्होंने बताया कि इसका प्रयोजन नशामुक्ति से बचाव, आस-पास की गतिविधियों पर ध्यान देते हुए युवाओं को उचित मार्ग दिखाना एवं जागरूकता फैलाना है। उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य हेतु टॉल फ्री नम्बर 1800110031 एवं 14446 क्रियाशील है।

कार्यक्रम में नशामुक्ति पर वृतचित्र दिखाया गया। नशा लोगों को कैसे दिव्यांगता की ओर ले जाती है इसके बारे में लोगों को बताया गया।

जिलाधिकारी ने नशामुक्ति अभियान की सफलता के लिए अन्तर्विभागीय समन्वय सुनिश्चित करने का निदेश दिया। उन्होंने कहा कि त्रि-स्तरीय पंचायती राज संस्थाओं, आईसीडीएस, जीविका, कल्याण विभाग, सिविल सोसाईटी के बीच सार्थक समन्वय एवं सुदृढ़ संवाद स्थापित रहने से अभियान सशक्त रूप से आगे बढ़ेगा।

इस अवसर पर जिला कल्याण पदाधिकारी, पटना श्री राणा वैद्यनाथ कुमार सिंह, जिला जन-सम्पर्क पदाधिकारी, पटना श्री लोकेश कुमार झा, सहायक निदेशक, जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग श्रीमती स्नेहा, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी आईसीडीएस सुश्री आभा प्रसाद, सहायक निदेशक, दिव्यांगजन सशक्तिकरण कोषांग श्री प्रभाकर पटेल, ब्रह्म कुमारी के प्रतिनिधि, गैर संचारी रोग विशेषज्ञ डॉ. रजनीश कुमार, नशामुक्ति परामर्श दाता एवं अन्य उपस्थित थे।

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