विधानसभा में हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित :

बीजेपी ने उठाया स्कूल के भवनों का मुद्दा
राज्यपाल बोले, जीरो टॉलरेंस नीति पर काम कर रही बिहार सरकार

नव राष्ट्र मीडिया
पटना।बि हार विधानसभा में बजट सत्र के पहले ही दिन आज विपक्ष ने जमकर हंगामा किया । सदन शुरू होने के पहले पोर्टिको में और फिर सदन के अंदर जमकर नारेबाजी हुई । इसके कारण पहले दिन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।

राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर के अभिभाषण के साथ आज से बिहार विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत हो गई है। राज्यपाल अपने अभिभाषण में बिहार सरकार की उपलब्धियां गिनाई। राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में सरकार निरंतर काम कर रही है।
इस पर बीजेपी विधायकों ने ये कहते हुए हंगामा शुरू कर दिया कि स्कूलों में शिक्षक और बिल्डिंग नहीं है। राजद ने जवाब दिया कि अडानी से मांग लीजिए। एमएलसी मुन्नी देवी ने कहा जाइए मोदी के सामने कटोरा लेकर भीख मांगिए। सदन में जय भीम के नारे भी लगे। बीजेपी विधायक भागीरथी देवी और आरजेडी एमएलए रेखा देवी में तू तू मैं मैं हुई।
भागीरथी देवी ने कहा कि वो भाजापा को बंदर, बंदर कह कर अटर पटर बोल रही थी। वही वित्त मंत्री विजय चौधरी ने बिहार आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 को सदन पटल पर रखा। विधानसभा की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित हो गई है।
राज्यपाल बोले, जीरो टॉलरेंस नीति पर काम कर रही बिहार सरकार। निगरानी के लिए कई निगरानी कोषांग का गठन किया गया है। शराबबंदी को लेकर सशक्त अभियान चलाया जा रहा है। कोरोना में आम लोगों के साथ राज्य सरकार रही है। बिहार में सघन कोविड जांच कराया गया, तभी बिहार में कंट्रोल किया गया है।
अभी तक 13 हजार 600 कोरोना मृतक को अनुदान दिया जा चुका है। राज्यपाल ने कहा कि न्याय के साथ विकास किया जा रहा है। सात निश्चय के तहत कई योजना सफलता पूर्वक चलाई जा रही है। नाली गली पर राज्यपाल के अभिभाषण पर विपक्ष भाजपा ने हंगामा किया। आज ही बिहार का आर्थिक सर्वेक्षण भी पेश कर दिया जाएगा। यह बजट सत्र 5 अप्रैल तक चलेगा। इसमें कल यानी 28 फरवरी को बिहार का बजट पेश किया जाएगा।
बजट सत्र में 22 बैठकें होंगी
। राज्यपाल के अभिभाषण पर 2 दिन वाद विवाद होगा। 2023-24 के बजट पर सामान्य विमर्श 2 दिन तक चलेगा। इसके अलावा 2022-23 के तृतीय अनुपूरक बजट व्यस्थापन के लिए एक दिन रखा गया है। इसके बाद वित्तीय वर्ष 2023-24 के आय-व्यय अनुदान की मांगों पर वाद विवाद और विनियोग विधेयक 12 दिन पेश किए जाएंगे। इन 12 दिनों में अलग-अलग विभागों के बजट भी पेश किए जाएंगे। बिहार विधानसभा में राजकीय विधायक और अन्य राजकीय कार्यों के लिए 2 दिन रखा गया है। गैर सरकारी सदस्यों के कार्य यानी कि गैर सरकारी संकल्प के लिए 2 दिन का समय रखा गया है। फरवरी से लेकर अप्रैल तक चलने वाले इस बजट सत्र में 16 दिन अवकाश रहेगा।
वैसे आज सुबह 11:00 बजे बजट सत्र शुरू होने से पहले बिहार के मुख्यमंत्री विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी के चेंबर में पहुंचे और उन्हें पुष्प का गुच्छा देकर उनका अभिवादन किया। वही इसके बाद बिहार के नए राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने विधानमंडल को संबोधित किया। जिसके बाद औपचारिक रूप से बिहार विधानसभा का बजट सत्र की शुरुआत हुई।
इससे पहले जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विधानसभा पहुंचे तो भाजपा के तरफ से जोरदार विरोध शुरू कर दिया गया। दरअसल, पिछले साल अगस्त के महीने में सत्ता परिवर्तन के बाद यह पहला सत्र है जिसमें भाजपा विपक्ष की कुर्सी पर बैठी हुई होगी। ऐसे में जब आज विधानमंडल के बजट सत्र की शुरआत होने वाली है तो उससे पहले भारतीय जनता पार्टी के नेता बिहार विधानसभा के पार्टीको में उतर कर में नीतीश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करने लगे। हालांकि, सीएमने इनके विरोध पर कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी। सीएम नजरें झुका कर अंदर की विधानसभा के सभा चले गए। इसके आलावा भाजपा की तरफ से कहा गया कि जिस तरह बिहार की सरकार लोगों को ठगने का काम कर रही है चाहे वह अपराध का मामला हो या भ्रष्टाचार का मामला हो सारे मामलों पर सरकार फेल है।
इसके पहले विधानसमंडल के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने सबसे पहले पुलिस पर चर्चा की. उन्होंने बताया कि बिहार में कानून का राज है. बेहतर पुलिसिंग को लेकर सरकार कई मोर्चों पर काम कर रही है. सरकार की कई योजनाओं का बखान करते हुए राज्यपाल ने कहा कि भ्रष्टचार-अपराध पर सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है. उन्होंने नल-जल योजना की चर्चा की. अपने अभिभाषण में जब राज्यपाल ने बिहार के लोगों को शुद्ध पेय जल आपूर्ति को लेकर नल-जल योजना की चर्चा की, इसी दौरान विपक्षी सदस्य शोर-गुल करने लगे. भाजपा विधायकों ने कहा कि यह योजना अस्सी फीसदी फेल है. लोगों को इसका लाभ नहीं मिल रहा. इसमें बड़ा घोटाला हुआ है. नीतीश सरकार इसकी जांच कराए।
इसके बाद राज्यपाल ने सूबे की शिक्षा व्यवस्था और इसके लिए चलाई जा रही योजनाओं की चर्चा की। इस दौरान भी भाजपा विधायकों ने सरकार पर शिक्षा के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है. विपक्षी विधायकों ने कहा कि सूबे की शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो गई है. सरकारी स्कूलों में पढ़ाई चौपट कर दिया गया है. इसके बाद राज्यपाल ने बेरोजगारों को नौकरी देने की बात की. इस पर विपक्षी सदस्य हंगामा करने लगे और कहा कि यहां बेरोजगारों को नौकरी नहीं बल्कि लाठियां मिल रही हैं. नौकरी की मांग करने वाले नौजवानों पर सरकार लाठियां बरसा रही है। भाजपा समेत विपक्ष के सभी सदस्यों के रुख को देखकर लग रहा है कि पूरा सत्र हंगामेदार रहेगा और सरकार के तमाम नाकामियों को भाजपा जमकर उठाएगी।

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