विजय शंकर
\पटना |। बिहार में नवगठित विधानसभा के अध्यक्ष पद के लिए सत्ताधारी एनडीए और विपक्षी महागठबंधन के उम्मीदवारों ने मंगलवार को नामांकन पत्र दाखिल किये। बिहार विधानसभा के अध्यक्ष पद के चयन का मामला उस समय रोचक हो गया जब सत्ताधारी एनडीए के विजय कुमार सिन्हा के खिलाफ विपक्षी महागठबंधन से सीवान सदर से वरिष्ठ राजद विधायक अवध बिहारी चौधरी ने इस पद के लिए अपना नामांकन दाखिल किया। बिहार विधानसभा के सचिव के समक्ष इस पद के लिए महागठबंधन से अवध बिहारी चौधरी ने और भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने नामांकन पत्र दाखिल किया ।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के विधायक एवं पूर्व मंत्री मदन सहनी ने विपक्ष द्वारा सदन के अध्यक्ष पद के लिए अपना उम्मीदवार उतारे जाने को चुनौती नहीं मानते हुए आरोप लगाया कि विपक्ष के नेता (तेजस्वी) को परंपरा, कानून और राजनीतिक मापदंड तोड़ने में आनंद आता है इसलिए प्रदेश की जनता ने सही न्याय करते हुए उन्हें सही जगह (विपक्ष में) बैठाने का काम किया है। उन्होंने एनडीए प्रत्याशी विजय कुमार सिन्हा की जीत को निश्चित बताते हुए कहा, बहुमत हमारे पास है।
पूर्व मंत्री एवं राजद संसदीय बोर्ड के प्रदेश अध्यक्ष और पांचवी बार विधायक बने अवध बिहारी चौधरी के नामांकन दाखिल किए जाने के बाद पार्टी नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने पत्रकारों से कहा कि महागठबंधन के अन्य घटक दलों कांग्रेस, भाकपा, भाकपा-माले और माकपा के नेताओं के साथ हुई बैठक में सभी की राय थी कि महागठबंधन द्वारा बुधवार को सदन के अध्यक्ष पद के लिए होने वाले चुनाव में अपना प्रत्याशी उतारा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ‘विधानसभा के सचिव के समक्ष हम लोगों ने अपने उम्मीदवार के नामांकन का फार्म जमा किया है और पूरा विश्वास है कि इसमें हम लोगों की जीत होगी।
इस बीच, असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली पार्टी एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान ने कहा, अध्यक्ष के चुनाव के लिए, निर्णय सर्वसम्मत होना चाहिए और इस तरह की प्रतियोगिताओं से बचना चाहिए। हमने अपने उम्मीदवार को मैदान में उतारने के लिए अपना मन बना लिया था, क्योंकि अब ऐसा लगता है कि प्रतिस्पर्धा पर कोई रोक नहीं है। अख्तरुल इमान ने कहा, हम मंगलवार दोपहर की समय सीमा समाप्त होने के बाद अपना उम्मीदवार नहीं उतार सकते थे।
243 सदस्यीय विधानसभा में एनडीए के कुल 125 विधायक हैं, जिनमें भाजपा के 74, जदयू के 43, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा और विकासशील इंसान पार्टी के चार-चार विधायक शामिल हैं जबकि महागठबंधन के कुल 109 विधायक हैं। इसके अलावा एआईएमआईएम के 5 साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ी बसपा का एक सदस्य हैं । चिराग पासवान की अगुवाई वाली लोजपा का एक विधायक तथा एक निर्दलीय सदस्य हैं। इस बीच, 243 नवनिर्वाचित सदस्यों में से दो को छोड़कर बाकी अन्य के शपथ ग्रहण का कार्य पूरा होने पर सदन की कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। राजद और भाकपा-माले के अनंत सिंह और अमरजीत कुशवाहा को क्रमशः शपथ नहीं दिलाई जा सकी क्योंकि ये दोनों आपराधिक मामलों के सिलसिले में जेल में हैं ।