संजय श्रीवास्तव
आरा। आज अयोध्या धाम में ब्रम्हलीन श्रीदेवराहा बाबाजी महाराज के परमशिष्य त्रिकालदर्शी परमसिद्ध विदेह संतश्रीदेवराहाशिवनाथदासजी महाराज ने श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि भगवान श्रीराम का नाम विषय रूपी साँप का जहर उतारने के लिए मन्त्र और महामणि हैं। ये ललाट पर लिखे हुए कठिनता से मिटने वाले बुरे लेखों (मंद प्रारब्ध) को मिटा देता हैं। राम का नाम अज्ञान रूपी अन्धकार को हरण करने के लिए सूर्य किरणों के समान और सेवक रूपी धान के पालन करने में मेघ के समान हैं।उस प्रभु श्रीराम के दरबार में हमलोगों को आने का सौभाग्य मिला है।संतश्री ने आगे कहा कि भगवान राम ब्रह्म है।जो राम से प्रेम करता है।वह राम का दास। संत श्री ने कहा कि भगवान और भक्त के बीच में अन्योनाश्रय संबंध होता है।जब भक्त राम की भक्ति में अपने को डूबो लेता है तो उस स्थिति में वह भक्त अपना सर्वस्व राम पर न्योछावर कर देता है ।कण -कण में राम विराजमान हैं। परंतु सगुण रूप में अयोध्या में हमारे प्रभु अवतरित हुए और अपना लीला किए। इसलिए हम सभी भक्तों, संतों और योगियों के लिए अयोध्या धाम महातीर्थ है।