बंगाल ब्यूरो
कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा का चुनाव कई मामलों में खास रहा है। भारतीय जनता पार्टी के बड़े-बड़े सूरमा को धूल चटा कर ममता बनर्जी तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं लेकिन वह खुद अपनी सीट नंदीग्राम में शुभेंदु अधिकारी के हाथों हार गई हैं। वही सालतोड़ा विधानसभा के लोगों ने भी एक मिसाल कायम की है। यहां नौकरानी का काम करने वाली चंदना बाउरी को जीत मिली है जो भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ी थीं। वह बंगाल के सबसे निर्धन उम्मीदवारों में से थी। उनके पति दिहाड़ी मजदूर हैं और तीन बच्चों की मां हैं। पैसे की तंगी पर लोगों के घरों में काम करती रही हैं। चंदना को टिकट देने की अनुशंसा संघ ने भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से की थी जिसके बाद उन्हें उम्मीदवार बनाया गया था। अब वह राज्य विधानसभा में यहां पहुंच गई हैं।
तृणमूल कांग्रेस के बेहतरीन प्रदर्शन के बीच वह जीत हासिल करने में सफल रहीं हैं। 30 वर्षीय चंदना ने
बांकुरा जिले की सालतोड़ा विधानसभा सीट पर तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार संतोष कुमार मण्डल को 4,145 वोटों से मात दी है। भाजपा का टिकट मिलने के बाद एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि उन्हें इसका जरा भी अंदाजा नहीं था। भाजपा की लिस्ट में नाम आने के बाद स्थानीय नेतृत्व ने उन्हें उम्मीदवारी की सूचना दी थी। चुनावों से पहले भाजपा में शामिल हुए अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती ने सालतोड़ा क्षेत्र से चंदना का प्रचार किया था। इसके बाद चंदना बाउरी ने कहा था कि, “मिथुन चक्रवर्ती द्वारा मेरे विधानसभा क्षेत्र से चुनाव प्रचार आरंभ किया जाना मेरे लिए गर्व की बात है।”
वह अपनी दो बेटियों और एक बेटे को अपनी माँ और सास के साथ घर में छोड़ चुनाव प्रचार करने जाती थीं। कभी-कभी उनके पति भी उनके साथ जाते थे जो कि एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में दिहाड़ी श्रमिक हैं। जब भाजपा ने उन्हें उम्मीदवार बनाया था तब वह पूरे देश में सुर्खियों में छा गई थी और अब जब वह जीत चुकी हैं तब एक बार फिर उन्हें चारों तरफ से शाबाशी मिल रही है।