बंगाल ब्यूरो 

कोलकाता। भारतीय जनता पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई के प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा है कि राज्य में संवैधानिक संकट है जिसका प्रमाण खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दे रही हैं। नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी के आवास वाले क्षेत्र पूर्व मेदिनीपुर के एसपी को सरेआम प्रशासनिक बैठक में मुख्यमंत्री द्वारा फटकारे जाने और राज्यपाल का नाम लेकर उन्हें निर्देश देने पर समिक भट्टाचार्य ने सवाल खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री प्रशासन, पार्टी, लोग और मतदाताओं सबको एक छत के नीचे ला रहे हैं। सब को सरेआम धमकी देती हैं। वह राज्य की प्रशासनिक प्रमुख हैं जबकि राज्यपाल राज्य के संवैधानिक प्रमुख हैं। जिस तरह से वह राज्यपाल के खिलाफ लगातार बर्ताव कर रही हैं और प्रशासनिक अधिकारियों को धमका रही हैं वह इस बात का संकेत है कि राज्य में सबसे बड़ा संवैधानिक संकट है।
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चुनाव के लिए तैयार है पार्टी
– इसके अलावा राज्य की 108 नगर पालिकाओं में आगामी 27 फरवरी को चुनाव की घोषणा होने को लेकर भी उन्होंने पार्टी का रुख स्पष्ट किया है। उन्होंने कहा है कि भाजपा चाहती है कि चुनाव को एक महीने के लिए टाल दिया जाए। इसके लिए चुनाव आयोग के पास आवेदन किया गया था लेकिन इसे स्वीकार नहीं किया गया। दोबारा आवेदन किया जाएगा। आवश्यकता पड़ने पर कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया जाएगा लेकिन अगर फिर भी चुनाव होते हैं तो पार्टी उसके लिए भी तैयार है। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी चाहती है कि 12 फरवरी को होने वाले चार नगर निगमों और उसके बाद 27 फरवरी को होने वाले निकाय चुनाव की मतगणना एक साथ हो ताकी किसी भी निकाय चुनाव का प्रभाव दूसरे चुनाव पर ना पड़े।
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मुख्यमंत्री की प्रशासनिक बैठक पर शुभेंदु ने उठाए सवाल
– दूसरी ओर राज्य की 108 नगर पालिकाओं में चुनाव की घोषणा हो जाने के बावजूद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा सभी जिलों के जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों की बैठक किए जाने पर नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने सवाल खड़ा किया है। उन्होंने कहा है कि राज्य में चुनाव की घोषणा होने के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। ऐसे में मुख्यमंत्री प्रशासनिक बैठक कैसे कर सकती हैं। उनकी बैठक इस बात का प्रमाण है कि राज्य चुनाव आयोग पूरी तरह से सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस से मिलकर काम कर रहा है।

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