बंगाल ब्यूरो 

कोलकाता । नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले में कोलकाता नगर निगम के प्रशासक और मंत्री फिरहाद हकीम की गिरफ्तारी के बाद महानगर में कोविड-19 हालात की निगरानी के लिए राज्य सचिवालय में सचिव रैंक के आईएएस अधिकारियों की निगरानी में एक कमेटी का गठन किया गया है। ममता सरकार ने इसे बोर्ड आफ सेक्रेट्रीज नाम दिया है। चौंकाने वाली बात यह है कि इस कमेटी के चेयरमैन खुद राज्य के मुख्य सचिव अलापन बन्दोपद्ध्याय हैं और उन्होंने अपनी नियुक्ति पर खुद ही हस्ताक्षर किया है।

इसे लेकर भारतीय जनता पार्टी ने सवाल खड़े किए हैं। पार्टी की आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने नियुक्ति संबंधी निर्देशिका अपने ट्विटर पर साझा की है। इसमें देखा जा सकता है कि मुख्य सचिव अलापन बनर्जी बोर्ड आफ सेक्रेट्रीज के चेयरमैन हैं जबकि गृह सचिव एचके द्विवेदी और शहरी विकास तथा नगरपालिका विभाग के प्रधान सचिव खलील अहमद को सदस्य के तौर पर नियुक्त किया गया है। इन लोगों को मिलाकर बनी इस कमेटी की नियुक्ति मुख्य सचिव अलापन बनर्जी के हस्ताक्षर से हुई है। इस पर अमित मालवीय ने लिखा है कि यह केवल बंगाल में ममता बनर्जी के शासन में ही हो सकता है। राज्य के मुख्य सचिव खुद को बोर्ड ऑफ सिक्रेट्रीज के चेयरमैन नियुक्त कर रहे हैं। इस बोर्ड का मुख्य काम कोलकाता नगर निगम की निगरानी करना है। अब शायद ऐसा होगा कि ममता बनर्जी द्वारा नियुक्त किए गए प्रशासक मंडली पर सचिवों की यह मंडली भारी पड़ेगी।

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