बंगाल ब्यूरो 

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव का बिगुल सप्ताह भर के भीतर बजने की संभावना है। इसके पहले चुनाव आयोग ने यहां तैयारियों का जायजा लेने का निर्णय लिया है। केंद्रीय चुनाव उपायुक्त सुदीप जैन आज कोलकाता में है और राज्य में कानून व्यवस्था की बदहाली समेत मतदान की तैयारियों को परखने के लिए राज्य के मुख्य सचिव अलापन बनर्जी, पुलिस महानिदेशक वीरेंद्र कुमार, कोलकाता पुलिस आयुक्त सोमेन मित्रा समेत सभी जिलों के जिलाधिकारियों और पुलिस प्रमुखों के साथ बैठक करने वाले हैं। अप्रैल-मई में आसन्न पश्चिम बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी विधानसभा चुनाव को लेकर आयोग विशेष तौर पर गंभीर है। खासकर चुनावी हिंसा के लिए कुख्यात रहे पश्चिम बंगाल में शांतिपूर्वक और निष्पक्ष तरीके से मतदान संपन्न कराना आयोग के लिए बड़ी चुनौती है। इसी वजह से आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले ही केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की 12 कंपनियों को बंगाल में तैनात कर दिया गया है और रूट मार्च भी हो रहे हैं। संवैधानिक विशेषज्ञों का कहना है कि इसके पहले ऐसे उदाहरण बहुत कम मिलते हैं जहां चुनाव की तारीखों की घोषणा होने से पहले ही आयोग राज्य में केंद्रीय बलों की तैनाती कर दे। ऐसा राष्ट्रपति शासन लगने के बाद ही किया जा सकता है। बंगाल विधानसभा का कार्यकाल फिलहाल 30 मई तक है और 294 सीटों वाले इस राज्य में इसके पहले ही नई सरकार का गठन हो जाना चाहिए। इस लिहाज से मई के पहले सप्ताह में चुनाव की तारीखों की घोषणा होनी है। आजादी के बाद से पश्चिम बंगाल में चुनाव के समय राजनीतिक हिंसा बंगाल के माथे पर एक बदनुमा दाग की तरह है। इस बार ममता बनर्जी की सरकार को सत्ता से हटाकर भारतीय जनता पार्टी सरकार गठन के लिए तत्पर है। शांतिपूर्वक और सख्ती के बीच चुनाव संपन्न कराने के लिए आयोग ने इस बार कई चरणों में पश्चिम बंगाल में मतदान कराने का निर्णय लिया है। इसलिए यहां चुनाव की तैयारियों का जायजा लेना और शांतिपूर्वक मतदान आयोग की पहली प्राथमिकता है। इसीलिए केंद्रीय चुनाव आयोग के अधिकारी लगातार बंगाल का दौरा कर रहे हैं। सुदीप जैन इसके पहले दो बार बंगाल आ चुके हैं और चुनाव आयोग का फुल बेंच भी जनवरी महीने में बंगाल का दौरा कर बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर चिंता जाहिर कर चुका है। अब जबकि गुरुवार को सुदीप जैन बंगाल में हैं तो खबर है कि वह स्थानीय प्रशासन की लापरवाही को लेकर सख्त चेतावनी दे सकते हैं। उल्लेखनीय है कि राज्य के श्रम राज्यमंत्री जाकिर हुसैन पर हाल ही में बम से हमला हुआ है जिसके बाद राज्य की कानून व्यवस्था सवालों के घेरे में है।

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