बंगाल ब्यूरो
कोलकाता। पूर्व क्रिकेटर लक्ष्मी रतन शुक्ला के कैबिनेट से इस्तीफा देने को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सफाई दी है। उन्होंने कहा है कि शुक्ला ने मंत्रिमंडल पद नहीं छोड़ा है बल्कि खेल में खुद को और अधिक व्यस्त करने के लिए सभी राजनीतिक जिम्मेदारियों से मुक्ति चाही है। इसे स्वीकार कर लिया गया है।
दरअसल शुक्ला ने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भेजा है जिसे स्वीकार कर लिया गया है। दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने ऐसे समय में इस्तीफा दिया है जब तृणमूल कांग्रेस के कई विधायक ममता का साथ छोड़कर भाजपा का दामन थाम चुके हैं। चार दिन पहले हावड़ा जिले के तृणमूल सांसद प्रसुन बनर्जी ने ने लक्ष्मी रतन शुक्ला के कार्यों पर सवाल खड़ा किया था जिसके बाद उन्होंने मंत्रिमंडल छोड़ दिया है। इसे लेकर मंगलवार को राज्य सचिवालय में मीडिया से मुखातिब मुख्यमंत्री से जब सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, “कोई भी अपना पद छोड़ ही सकता है। उससे कोई नुकसान होने वाला नहीं है। लक्ष्मी रतन अच्छे लड़के हैं। उन्होंने इस्तीफा दिया है।”
इसके बाद मुख्यमंत्री ने कहा, “जो चिट्ठी लक्ष्मी रतन ने मुझे लिखी है उसमें मंत्री पद छोड़ने की बात नहीं लिखी है। उन्होंने लिखा है कि खेल में खुद को और अधिक व्यस्त करने के लिए सब तरह के राजनीतिक दायित्व से मुक्ति चाहता हूं। मुझे खेल में और अधिक समय देना होगा। टर्म पूरा होने तक वह विधायक बने रहेंगे।’
हावड़ा जिले में तृणमूल कांग्रेस की आपसी गुटबाजी के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “ऐसा कुछ नहीं है। मैंने राज्यपाल (जगदीप धनखड़) से कह दिया है कि लक्ष्मी रतन शुक्ला का इस्तीफा स्वीकार किया जाए। मैं भी चाहती हूं कि वह खेल में अपना कैरियर और बेहतर बनाएं। मेरी शुभकामनाएं उनके साथ हैं। इस बारे में नकारात्मक सोचने की कोई वजह नहीं है।