बंगाल में एक महीने पहले शुरू हुई दुर्गा पूजा, जोरासांको ठाकुरबाड़ी से रंगारंग जुलूस

बंगाल ब्यूरो 

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की विश्व प्रसिद्ध दुर्गा पूजा इस साल एक महीने पहले गुरुवार से शुरू हो गई। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आह्वान पर हजारों लोगों ने यूनेस्को को धन्यवाद देने के लिए आयोजित हुई महारैली में हिस्सा लिया। जोड़ासाँको ठाकुर बाड़ी से शुरू हुई इस रैली का नेतृत्व खुद ममता ने किया जिसमें छात्र छात्राओं से लेकर विभिन्न क्लबों के प्रतिनिधियों, मोहन बागान और ईस्ट बंगाल फुटबॉल क्लब का जर्सी पहने हुए लोग, विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों के अलावा सत्तारूढ़ पार्टी के नेता मंत्री विधायक सांसद और यूनेस्को के प्रतिनिधि उपस्थित थे। रैली बेहद खास थी क्योंकि इसमें मां दुर्गा के प्रतिमा के अलावा धनुची नाच (मां दुर्गा के स्वागत में होने वाला एक विशेष तरह का मनमोहक नृत्य), ढाक भी बजाए गए जो दुर्गा पूजा के पारंपरिक उत्साह को दर्शाने वाले थे।
जोरासांको ठाकुरबाड़ी से रंगारंग जुलूस की शुरुआत करते हुए ममता ने यह भी कहा, ”आज से हमारी दुर्गा पूजा शुरू हो गई है. हम सभी धर्मों और जातियों की सीमाओं को परे हटा कर एक साथ आगे बढ़ेंगे। यूनेस्को को धन्यवाद। पूरी दुनिया को धन्यवाद।

मुख्यमंत्री ने गुरुवार सुबह ट्वीट किया, “दुर्गा पूजा एक जुनून है, जो सभी संकीर्णताओं से परे है, जो हमें एकजुट करता है। यहा पूजा कलात्मकता को अध्यात्म से जोड़ती है। दुर्गा पूजा को आधुनिक विरासत की सूची में रखने के लिए यूनेस्को को धन्यवाद।”
जोड़ासांको से कोलुटोला होते हुए डोरिना क्रॉसिंग से रेड रोड तक आम लोग सड़क के किनारे खड़े रहे। रैली में धनुची नाच के अलावा मां दुर्गा के स्वागत के लिए ढाक बज रहे थे। रंग-बिरंगे गुब्बारे, झंडे थे। दुर्गा मूर्ति भी थीं। साथ ही सड़क किनारे लगे लाउडस्पीकर से पूजा गीत बज रहे थे जिसके गीतकार और संगीतकार खुद ममता हैं। राज्य के मंत्री इंद्रनील सेन ने ये गीत गाए हैं।

रैली शुरू होने से पहले ही तेज बारिश शुरू हो गई। बावजूद इसके लोग जमा हो गए। लेकिन उनमें से किसी के पास काली छतरी नहीं थी। ममता ने पहले ही कहा था कि जुलूस में कोई काला रंग नहीं होगा। संयोग से मुख्यमंत्री के सुरक्षा गार्डों ने भी परिचित काले सफारी सूट के बजाय सफेद सफारी सूट पहना था। नतीजतन, लोगों ने अलग-अलग रंगों की छतरियां लेकर जुलूस में भाग लिया। ममता के पहुंचने से पहले मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने ढाक की थाप पर धनुष-बाण के साथ नृत्य किए। बिधाननगर के मेयर कृष्णा चक्रवर्ती भी साथ थीं।

जुलूस के अंत में रेड रोड पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जुलूस में शहर की विभिन्न पूजा समितियों के आयोजकों ने भी भाग लिया। कलकत्ता में तीन प्रमुख क्लब भी थे। जुलूस के लिए सेंट्रल एवेन्यू को यातायात के लिए बंद कर दिया गया था।

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