कहा -लोकहित में किए गए आविष्कार और शोध संभ्रांत जन जीवन को सुखद बनाने वाले
बंगाल ब्यूरो
दुर्गापुर, 20 मार्च । पश्चिम बंगाल में प्रौद्योगिकी शिक्षा के विशिष्ट संस्थानों में एक राष्ट्रीय प्रौद्योगिक संस्थान (एनआईटी) दुर्गापुर और अखिल भारतीय प्रबुद्ध मंच प्रज्ञा प्रवाह की पश्चिम बंगाल शाखा लोक प्रज्ञा के सौजन्य से अनुभव दर्शन 17 कार्यक्रम एनआईटी के सभागार कक्ष 401 में आयोजित हुआ। भारतीय ज्ञान प्रणाली में विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर सेमिनार भी इस समारोह में आयोजित था। समारोह का उद्घाटन एनआईटी दुर्गापुर के निदेशक प्रो.अरविन्द चौबे ने दीप प्रज्वलित कर भारत माता के चित्र पर माल्यार्पण के साथ किया ।
उद्घाटन भाषण में प्रो.चौबे ने सेमिनार के विषय को रेखांकित करते हुए कहां कि आविष्कार और अनुसंधान दो पद्धतियां हैं। हजारों साल पहले विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हमारे ऋषि मुनियों ने कई अनुसंधान किये थें। जिस पर आज भी शोध हो रहा है वह चिकित्सा का क्षेत्र हो या अणु परमाणु का, आज भी भारतीय संस्कृत शास्त्रों का अध्ययन कर विदेशों में शोध कार्य चल रहा है। ट्रिपल आईटी भागलपुर में संचार और वैद्युतीन विभाग में रहते कृषि उपयोगी अपने नये आविष्कारों के विषय पर चर्चा करते हुए प्रो चौबे.ने कहा कि लोकहित में किए गए आविष्कार और शोध संभ्रांत जन के जीवन को सुखद बनाने वाले अविष्कारों से ज्यादा महत्वपूर्ण होते हैं।प्रज्ञाप्रवाह के पूर्व क्षेत्र संपर्क प्रमुख डॉ आनंद पांडेय ने अपने वक्तव्य में कहा कि ज्ञानी जन एक हाथ में शास्त्र और दूसरे हाथ में शस्त्र धारण करते हैं। तब ज्ञान विज्ञान की पूर्णता चरित्र को निखारती है। और वही व्यक्तित्व देश का विकास करता है , मैकाले के लीक पर चलने वाले नहीं। कुछ ऐसा ही निदेशक महोदय प्रो चौबे में हम देखते हैं। राष्ट्रीय स्तर पर प्रज्ञाप्रवाह और राज्य स्तर पर लोकप्रज्ञा यही कार्य कर नव प्रजन्म को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आधार पर सशक्त बनाते हुए राष्ट्र को सबल वैभवशाली विश्वगुरू बनाने में लगी है । कार्यक्रम संयोजक प्रो. परिमल आचार्जी ने निदेशक प्रो. चौबे के विज्ञान के क्षेत्र में किए गए कार्यों का विवरण देते हुए उनके शैक्षणिक और जनहित के कार्यों से परिचित कराया।
पूर्वक्षेत्र संयोजक श्री अरविंद दाश के साथ लोक प्रज्ञा के तकरीबन 270 छात्र – छात्राभिभावक और शिक्षकों के साथ एनआईटी के प्रोफेसर तथा छात्र भी इस समारोह में मौजूद थे। दूसरे सत्र में लोक प्रज्ञा के राज्य विज्ञान प्रमुख प्रो रासबिहारी भर, लोक प्रज्ञा के शैक्षणिक प्रमुख इंद्रजीत सरकार मातृशक्ति प्रमुख श्रीमती सुतपा बसाक भर, छात्र शक्ति प्रमुख शशांक नायक और मध्य प्रांत संयोजक मनोरंजन हाजरा ने सेमिनार के विषय पर छात्र उपयोगी चर्चा की। संचालन प्रो अभिषेक साहा, प्रणव बर और सुश्री शुक्ला का था, संगीता घोष और बालक मिस्त्री तथा देवाशीष घोष ने संगीत और राष्ट्र वंदना पूर्ण वंदे मातरम् की प्रस्तुति दी। धन्यवाद ज्ञापन लोक प्रज्ञा के राज्य संयोजक प्रो.सोमशुभ्र गुप्ता ने किया।