प्रज्ञा प्रवाह अनुभव दर्शन समारोह में प्रतिज्ञा : बाएं हाथ से लिखे इतिहास को बदलना है

बंगाल ब्यूरो

कोलकाता । अखिल भारतीय प्रबुद्ध मंच प्रज्ञा प्रवाह की पश्चिम बंगाल शाखा “लोक प्रज्ञा” की ओर से रामकृष्ण मिशन के 125 वर्ष पूर्ति पर स्वामी विवेकानंद के ऑटपुर तथा कन्या कुमारी की तपोपूत ऐतिहासिक तिथि 24,25, 26,दिसंबर को स्मृति समृद्धि करते हुए  दो दिवसीय अनुभव दर्शन समारोह रामकृष्ण मिशन विद्यालय महाविद्यालय और विश्वविद्यालय परिसर नरेंद्रपुर में आयोजित था।

इस अवसर पर चार सत्रों में संबोधन करते हुए वक्ताओं ने स्वामीजी के राष्ट्रचिंतन, “स्व” बोध  और युवा पीढ़ी को राष्ट्र हित में कार्य करने के प्रसंग को सामने रखा।  स्वाधीनता से स्वतंत्रता की ओर चिंतन को सामने रखते हुए वक्ताओं ने कहा कि आज लोक मानस में समाज, अर्थ, शिक्षा और विधि युक्त शासन के साथ अन्य तंत्र भी भारतीय सभ्यता, संस्कृति और प्रज्ञा के अनुसार होना चाहिए। जबकि स्वाधीनता के 75 वर्ष बाद भी ज्ञान विज्ञान के साथ अन्य क्षेत्र में भी ब्रिटिश शासन के दौर के तौर तरीके को मानते हुए  हम आज भी पश्चिम का अंधानुकरण  कर रहे हैं । अब बांयें (लेफ्ट) हाथ से लिखे इतिहास को बदलना है। वक्ताओं में रामकृष्ण मिशन नरेन्द्र पुर के उच्च माध्यमिक विभाग के प्राचार्य  इस्टेशानंद महाराज तथा मठ मिशन के सहायक सचिव स्वामी वासवानंद महाराज,  संघ के अखिल भारतीय कार्यकर्ता अद्वैत चरण दत्त, प्रज्ञा प्रवाह के अखिल भारतीय टोली के सदस्य तथा पूर्व संयोजक और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान भोपाल के पूर्व प्राध्यापक डॉ सदानंद सप्रे,  दक्षिण बंग प्रांत कार्यवाह सह मेघनाद साहा आणविक भौतिकी संस्थान के अभियंता डॉ जिष्णु बसु, थें।
भारत सरकार के शिक्षा राज्य मंत्री व चिकित्सक डॉ सुभाष सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को सामने रखते हुए शिक्षा में आमूल परिवर्तन की बात रखीं।
इसके अलावा मंच पर लोक प्रज्ञा के राज्य संयोजक डॉ सोमशुभ्र गुप्ता, राज्य मातृशक्ति संयोजक श्रीमती सुतपा बसाक भड़, पूसा के पश्चिम बंगाल मत्स्य पालन और प्राणी विज्ञान संस्थान के विभागीय प्रधान डॉ रमन त्रिवेदी, एमएकेआईएएस के निदेशक डॉ स्वरूप प्रसाद घोष, दुर्गापुर एनआईटी के डॉ कमल भट्टाचार्य, प्रज्ञा प्रवाह के पूर्वी क्षेत्र संपर्क प्रमुख डॉक्टर आनंद पांडेय भी मौजूद थें।
शिक्षा विज्ञान प्रमुख सह केंद्र सरकार के कृषि व पशु संस्थान (कल्याणी) के वैज्ञानिक डॉ रासबिहारी भड़ के साथ विभिन्न आयामों के प्रमुखों ने अपना परिचय और कार्यशैली का विवरण दिया। अपनी बेहतर प्रस्तुति के लिए छात्र युवा भी पुरस्कृत किए गए। प्रथम सत्र में मंच परिचय और अतिथि सम्मान डॉ इंद्रजीत सरकार ने किया जबकि पूरे कार्यक्रम की भूमिका प्रस्तुति और स्वागत भाषण प्रज्ञा प्रवाह के पूर्व क्षेत्र संयोजक अरविंद दास ने दिया। अंत में पूर्ण वंदेमातरम् गायन के बाद कार्यक्रम का समापन हुआ।

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