बंगाल ब्यूरो
कोलकाता। राजनीतिक हिंसा के लिए कुख्यात रहे पश्चिम बंगाल में इस बार का विधानसभा चुनाव भी शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न होना संभव नहीं दिख रहा है। यहां राज्य भर में कभी भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को तो कभी फुरफुरा शरीफ के पीरजादा अब्बास सिद्दीकी की नवगठित पार्टी इंडियन सेकुलर फ्रंट (आईएसएफ) के कार्यकर्ताओं को मारा पीटा जा रहा है। ताजा घटना राजधानी कोलकाता से सटे दक्षिण 24 परगना के भांगड़ क्षेत्र का है। यहां जलील मोल्ला नाम के आईएसएफ कर्मी को मारा पीटा गया है। साथ ही सोमवार देर रात पुलिस ने उसके घर में अचानक धावा बोला और उसके पिता को गिरफ्तार कर लिया है। आरोप है कि उसके घर से बम बनाने के सामान और बंदूक, गोलियां आदि बरामद किए गए हैं। दावा किया जा रहा है कि जब से आईएसएफ कर्मी को मारा पीटा गया है वह लापता है। हालांकि पुलिस का कहना है कि वह फरार हो गया है। लेकिन आई एस एफ कर्मियों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने बम बारूद रखकर उनके कार्यकर्ता के पिता को फसाने के लिए गिरफ्तार किया है।
रविवार से ही पूरे क्षेत्र में आई एस एफ के कार्यकर्ताओं को मारने पीटने का आरोप सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस पर लग रहा है। इसकी वजह से पूरे क्षेत्र में माहौल तनावपूर्ण है। आरोप है कि रविवार को ब्रिगेड परेड मैदान की जनसभा में शामिल होने पहुंचे सभी कार्यकर्ताओं को स्थानीय तृणमूल नेतृत्व की ओर से डराया धमकाया जा रहा है। इधर तृणमूल का आरोप है कि आईएसएफ कर्मी ही धमकी दे रहे हैं। भांगड़ पंचायत समिति के अध्यक्ष तृणमूल नेता शाहजहां मोल्ला ने कहा कि तृणमूल को पताका नहीं लगाने दिया गया और हमारे ही कार्यकर्ताओं को मारा पीटा गया है।
उल्लेखनीय है कि 10 अप्रैल को भांगड़ विधानसभा क्षेत्र में मतदान होना। उसके पहले ही यहां राजनीतिक हिंसा का दौर शुरू है। इसके दो दिन पहले उत्तर 24 परगना के निमता में भी भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को तृणमूल के सदस्यों ने मारा पीटा था। यहां तक कि गोपाल मजमुदार नाम के उस कार्यकर्ता की 85 वर्षीय मां को भी इतना मारा था कि उनका चेहरा फूल गया था। इसे लेकर सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस आलोचना का शिकार हो रही है।