बंगाल ब्यूरो
कोलकाता। हार्ट अटैक की वजह से दक्षिण कोलकाता के वुडलैंड अस्पताल में भर्ती भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष और टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली को लेकर राजनीतिक कयास नहीं थम रहें। एक बार फिर उनके भाजपा में शामिल होने की अटकलें तेज हैं। इसे बल दिया है बंगाल भाजपा के सह प्रभारी अरविंद मेनन के ताजा बयान ने। बुधवार को वह बर्दवान जिले के कटवा में चाय पर चर्चा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे थे। यहां जब उनसे पूछा गया कि क्या सौरव गांगुली भाजपा में शामिल होंगे? अथवा उन पर राजनीति में शामिल होने का कोई दबाव बनाया गया है? इसके जवाब में मेनन ने कहा कि सौरव गांगुली बंगाल के शेर हैं। उन पर राजनीति में शामिल होने का कोई दबाव नहीं है। हालांकि उन्होंने जोड़ा कि अगर गांगुली भाजपा में शामिल होते हैं तो उनका खुले दिल से स्वागत होगा।
उल्लेखनीय है कि गत शनिवार को हार्टअटैक के बाद उन्हें दक्षिण कोलकाता के वुडलैंड अस्पताल में भर्ती किया गया है। उनसे मिलने पहुंचे माकपा विधायक अशोक भट्टाचार्य ने दावा किया था कि गांगुली पर राजनीतिक दबाव था जिसकी वजह से उनकी सेहत बिगड़ी है। दरअसल हार्ट अटैक से कुछ दिन पहले सौरव गांगुली कोलकाता स्थित राजभवन में गए थे और राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मुलाकात की थी। उसके ठीक दूसरे दिन वह दिल्ली में दिवंगत केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली के नाम पर बने स्टेडियम के उद्घाटन में पहुंचे थे जहां केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ उनकी मुलाकात हुई थी। इसके बाद राज्य की राजनीति में अटकलें तेज हो गई थीं कि गांगुली की नज़दीकियां भाजपा से बढ़ रही हैं। बहुत हद तक संभव है कि वह पार्टी में शामिल हो जाएं और भाजपा उन्हें राज्य में मुख्यमंत्री उम्मीदवार के तौर पर प्रोजेक्ट करे। इसके बाद राज्य सरकार ने न्यूटाउन में दी गई सौरव गांगुली की जमीन को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। इस बीच शनिवार को जब उन्हें हल्का हार्ट अटैक आया तो कई तरह की राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई। इसी बीच अशोक भट्टाचार्य ने दावा किया था कि गांगुली पर राजनीति में शामिल होने का दबाव था। इसी सवाल पर मेनन ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं था। दादा बंगाल के शेर हैं। उन पर कोई दबाव काम नहीं करता। उन्होंने कहा कि अगर वह भाजपा में शामिल होंगे तो हम उनका स्वागत करेंगे।