पटना में बिहार बंद का नजारा

◆ धारा 144 व कई जिलों में इंटरनेट पर रोक के बावजूद सड़क पर भारी संख्या में उतरे बंद समर्थक

◆ पुलिस की जबरदस्त घेराबंदी के बावजूद बंद को मिला अभूतपूर्व समर्थन, राज्य में सैंकड़ो गिरफ्तारियां

गाँधी मैदान थाने में बैठे विधायक व बंद समर्थक

विजय शंकर 

पटना : आइसा-इनौस, रोजगार संघर्ष सुयंक्त मोर्चा व सेना भर्ती जवान मोर्चा द्वारा आहूत और महागठबंधन के दलों द्वारा समर्थित आज बिहार बंद के दौरान पटना में पुलिस ने जमकर लाठीचार्ज का प्रयोग किया. आइसा महासचिव व पालीगंज विधायक संदीप सौरभ, इनौस के राष्ट्रीय महासचिव नीरज कुमार, आइसा के बिहार अध्यक्ष विकास यादव, आइसा नेता कुमार दिव्यम आदि नेताओं के नेतृत्व विभिन्न छात्र-युवा संगठनों ने पटना विश्वविद्यालय गेट से बंद के समर्थन में जुलूस निकाला. इस जुलूस को कारगिल चौक पर पुलिस ने रोक दिया. बंद समर्थक डाकबंगला चैराहे की तरफ बढ़ना चाहते थे, उन्हें आगे बढ़ने से रोकने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज का प्रयोग किया और फिर विधायक संदीप सौरभ, विकास यादव, कुमार दिव्यम, अनिमेष चंदन और आशीष कुमार को जबरदस्ती सड़क से उठाकर गिरफ्तार करते हुए गांधी मैदान थाना ले जाया गया.

गिरफ्तारी के बाद आइसा महासचिव संदीप सौरभ ने कहा कि पुलिस-प्रशासन की यह कार्रवाई शर्मनाक है. आज बिहार बंद के दौरान हम शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगों को सरकार के समक्ष रखने आए थे. देश के युवाओं को बेरोजगारी में धकेलने व देश की सुरक्षा को कमजोर करने वाली अग्निपथ योजना के खिलाफ छात्र-युवा आक्रोश को आज पूरा देश देख रहा है. लेकिन इसे रद्द करने की बजाए मोदी सरकार इसमें चंद बदलाव कर देश को गुमराह करना चाहती है. इसे कभी स्वीकार नहीं किया जाएगा.

आज धारा 144 लगाये जाने, कई जिलों में इंटरनेट सेवा बाधित किए जाने और पुलिस की जबरदस्त घेराबंदी के बीच बंद को आम लोगों का व्यापक समर्थन मिला. राजधानी पटना समेत राज्य के अधिकांश इलाकों में दुकानें व व्यवासायिक प्रतिष्ठान बंद रहे, आवागमन कम रहा और सरकारी कार्यालयों में भी उपस्थिति कम रही. बंद के दौरान पटना के अलावा हिलसा, बेतिया व अन्य जगहों से बंद समर्थकों की गिरफ्तारी की भी सूचना है. नवादा में पुलिस ने बंद समर्थकों को सड़क पर उतरने भी नहीं दिया, इसके बावजूद शहर में बंद का व्यापक असर दिखा.

आरा , भोजपुर में बंद समर्थकों का प्रदर्शन

इस आंदोलन के मजबूत केंद्र के बतौर उभरे आरा में बंद का सर्वाधिक प्रभाव रहा. सेना भर्ती जवान मोर्चा के संयोजक व भोजपुर के युवा लोकप्रिय नेता राजू यादव, इनौस के राष्ट्रीय अध्यक्ष व अगिआंव विधायक मनोज मंजिल, इनौस के राज्य सचिव शिवप्रकाश रंजन, आइसा के राज्य सचिव सबीर कुमार आदि नेताओं के नेतृत्व में हजारों की तादाद में सेना भर्ती के अभ्यर्थी व आम नौजवानों ने मार्च निकाला. यह मार्च शहर के विभिन्न इलाकों से गुजरा और फिर रेलवे स्टेशन के पास सभा करते हुए आंदोलन को तबतक जारी रखने का आह्वान किया गया जबतक कि सरकार अग्निपथ योजना को पूरी तरह से रद्द नहीं कर देती.

बिहार बंद के दौरान मुजफ्फरपुर में हुआ उग्र प्रदर्शन

मुजफ्फरपुर में मुजफ्फरपुर-दरभंगा एनएच 57 को बोचहां में बंद समर्थकों ने 3 घंटे तक जाम रखा. शहर में आइसा-इनौस के नेतृत्व में विशाल जुलूस निकला, जो छोटी कल्याणी, केदारनाथ, जवाहर लाल, सरैया गंज टावर, छाता बाजार, सुता पट्टी होते हुए सभा में तब्दील हो गई. बक्सर के नवानगर के सोनबरसा बाजार में करीब ढाई घंटे तक इनौस के राज्य उपाध्यक्ष धर्मेन्द्र कुमार के नेतृत्व में सड़क जाम रहा. यहां पुलिस के साथ बंद समर्थकों की झड़प भी हुई.

सीवन में प्रदर्शन करते बंद समर्थक

सिवान में जिरोदई विधायक अमरजीत कुशवाहा के नेतृत्व में शहर में विशाल जुलूस निकला. दरभंगा में आइसा-इनौस के नेतृत्व में मिर्जापुर चौक से विश्वविद्यालय परिसर तक जुलूस निकालकर सड़क जाम किया गया. समस्तीपुर में बंद समर्थकों ने शहर के स्टेडियम गोलबंर से जुलूस निकाला, लेकिन जुलूस को निकलते ही बड़ी संख्या में तैनात पुलिस बल ने रोक दिया. मधेपुरा में बंद समर्थकों ने कर्पूरी चौक को घंटों जाम रखा.

अरवल में प्रदर्शन करते बंद समर्थक

अरवल में सैकड़ों बंद समर्थकों ने पटना-औरंगाबाद रोड को भगत सिंह चौक पर जाम किया और फिर ब्लाॅक परिसर में विशाल सभा आयोजित की. जहानाबाद में आइसा-इनौस कार्यकर्ताओं ने पटना-गया रोड पर मार्च किया और अरवल चैक को जाम कर दिया. गया मे अंबेदकर पार्क से मार्च करते हुए टावर चैक पर सभा आयोजित की गई. भागलपुर, पूर्णिया, मधुबनी, मोतिहारी, कैमूर, बेगूसराय आदि जिलों में भी बंद का व्यापक समर्थन दिखा.

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