पी एम सी एच को स्वायत संस्थान का दर्जा दे सरकार

विजय शंकर 

पटना : बिहार सरकार ने बांसघाट और गुलाबी घाट को दुल्हन की तरह सजाया हैं। व्यक्ति के मरने के पहले उसकी चिता तैयार कर दी जा रही हैं। घाट पर डेड बॉडी आने का इंतजार भर हैं। मिनटों में यहाँ दाह संस्कार का काम शुरू हो जाता हैं। काश सरकार इतनी ततपरता कोरोना मरीजों के इलाज में दिखाती तो आज बिहार के हालात कुछ और होते। उक्त बातें जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव मीडिया से बातचीत के दौरान कहीं। एन एम सी एच , पी एम सी एच सहित कई निजी अस्पतालों का दौरा करने के बाद उन्होंने कहा कि, पी एम सी एच में कोरोना मरीजों को डॉक्टर और नर्स नहीं देखते है। यंहा के हालात भी अब बदतर हो गए हैं। सरकार को इस अस्पताल की व्यवस्था में सुधार करनी चाहिए साथ ही पीएमसीएच को स्वायत्त संस्थान दर्जा देनी चाहिए। जिससे यह सुचारू रूप से चल सके।

पप्पू यादव ने कहा कि बिहार सरकार को कोरोना नियंत्रण हेतु दिल्ली एम्स के गाइडलान का पालन करना चाहिए। दिल्ली एम्स के निदेशक ने कोरोना महामारी के नियंत्रण हेतु ज्यादा से ज्यादा रैपिड एंटीजेन टेस्ट कराने की सलाह दी है जिससे कोरोना को समय रहते काबू पाया जा सकता हैं। दूसरा रेमेडिसिवर की जगह डेक्सामैकसौन दवा का इस्तेमाल हो। दवा और ऑक्सीजन की ब्लैकमार्केटिंग करने वालों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए।

उन्होंने कहा कि बिहार में मेडिकल ऑक्सीजन की किल्लत हैं।केंद्र सरकार से आग्रहः है कि गैस प्लांट को अविलंब लुक्विड ऑक्सीजन की उपलब्ध कराए। बिहार का कोटा चार टैंकर का है लेकिन अभी रोजाना एक ही टैंकर मिल रहा हैं। इस कारण कोरोना मरीज ऑक्सीजन की कमी के कारण दम तोड़ रहे हैं। निजी अस्पतालों में रोज मौते हो रही हैं। सरकार इन अस्पताल में हो रही मौत की जांच कराएं।

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