नवराष्ट्र मीडिया ब्यूरो
पटना। राज्य सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए सदन में पेश किये गये बजट पर बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन द्वारा मिश्रित प्रतिक्रिया व्यक्त किया गया। बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री केपीएस केशरी ने सर्वप्रथम मुख्यमंत्री एवं उप-मुख्यमंत्री को बधाई दिया तथा बिहार सरकार के वित्तीय प्रबंधन एवं नीतियों की सराहना किया। श्री केशरी ने आगे कहा कि राज्य के बजट आकार में लगातार वृद्धि हो रही है। राज्य की अर्थ व्यवस्था को गति देने के मद्देनजर वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए पेश किये गये बजट में बजट का आकार 3,16,895.02 करोड़ रूपया रखा गया है। बजट की दूसरी बड़ी खासियत स्कीम मद का आकार है, स्कीम मद में अनुमानित व्यय 1,16,759.60 करोड़ है। स्कीम मद में व्यय होने से राज्य के आर्थिक विकास को मजबूती प्राप्त होता है। नई नई योजनाओं पर काम होता है, जिसका फायदा समाज के हरेक वर्ग को प्राप्त होता है। उद्योग विभाग के बजट को यदि हम देखें तो पिछले वर्ष के मुकावले बजट में अवश्य बढ़ोतरी हुई है। पिछले वर्ष स्कीम मद् में उद्योग विभाग को 1732 करोड़ रूपये उपलब्ध कराया गया था जबकि वित्तीय वर्ष 2025-26 में उद्योग विभाग का स्कीम मद् में 1850 करोड़ रूपये दिये जाने का प्रस्ताव है। लेकिन वृहद परिपेक्ष्य में देखा जाय तो उद्योग विभाग को दिया गया बजट कुल बजट का 0.62 प्रतिशत है जो कुल बजट का 1 प्रतिशत से भी कम है जो आशा के अनुरूप नहीं है। हम आशा करते हैं कि आवश्यकता के अनुरूप सरकार पूरक बजट के माध्यम से उद्योग विभाग को धनराशि उपलब्ध करायेगी। उद्योग के माध्यम से ही स्थायी रोजगार का सृजन होता है, सरकार को कर के रूप में राजस्व की प्राप्ति होती है। माननीय उपमुख्यमंत्री जी ने अपने बजट भाषण में यह कहा है कि सरकार नई औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति 2025 लाने जा रही है। वर्तमान औद्योगिक प्रोत्साहन नीति 31 मार्च 2025 के प्रभाव से समाप्त होगी। हम आशा करते हैं कि नई औद्योगिक नीति की जल्द ही घोषणा कर दी जायेगी, जिससे कि यह 1-04-2025 के प्रभाव से लागू हो। तैयार हो रही औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति के लिए हमने अपना सुझाव सरकार के समक्ष रखा है। उम्मीद है हमारे सुझाव को नीति में समाहित किया जायेगा। बजट में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति 2025 का भी जिक्र किया गया है। राज्य में औद्योगिक कच्चा माल के रूप में कृषि उत्पाद, वाणिकी उत्पाद, दूध एवं पशुधन उपलब्ध है, जिसके आधार पर उद्योग स्थापना की क्षमता एवं संभावना सबसे अधिक है। सरकार द्वारा वर्ष 2008 में गठित खाद्य प्रसंस्करण प्रोत्साहन नीति काफी आकर्षक नीति थी। हम आशा करते हैं कि वर्ष 2008 के नीति के अनुरूप, तैयार हो रही नई खाद्य प्रसंस्करण नीति का गठन हो। बजट में यह भी चर्चा की गयी है कि सरकार का लक्ष्य राज्य में अधिक से अधिक रोजगार के अवसर सृजित करना है। श्री केशरी ने कहा कि राजस्व बढ़ाने एवं रोजगार के स्थायी अवसर पैदा करने के लिए राज्य में औद्योगिकरण को बढ़ावा दिए जाने की आवश्यकता है। श्री केशरी ने राज्य में आधारभूत संरचना को मजबूती प्रदान करने की दिशा में बजट में की गयी घोषणा का स्वागत करते हुए कहा कि सर्वसाधारण के लिए हवाई यात्रा सुलभ कराने का चिन्तन किया गया है जो स्वागत योग्य है। बिहार इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन भी लगातार राज्य में क्षेत्रीय हवाई अड्डा विकसित करने का सुझाव रखते रहा है। आवश्यकता है कि सरकार के इस घोषणा एवं चिन्तन को एक निर्धारित समय सीमा के अंदर पूरा किया जाय, जिससे कि इसका लाभ राज्य को और राज्यवासी को मिले। आधारभूत संरचना में होने वाले व्यय में स्थानीय उद्योगों की भी भागिदारी मिले इसकी आशा है। स्थानीय उद्योगों को सरकार के होने वाली विभिन्न खरीददारी में भाग लेने से स्थानीय स्तर पर पूंजी का निर्माण होता है, जिससे उद्यमी राज्य में नये निवेश कर पाते हैं। शिक्षा एवं स्वास्थ्य के विकास के क्षेत्र में भी बजट में अच्छा खासा आवंटन सरकार की दूरदर्शिता को इंगित करता है। शिक्षा एवं स्वास्थ्य क्षेत्र में होने वाले व्यय से एक ओर समाज को फायदा होगा, दूसरी ओर व्यय का लाभ उद्योगों को भी मिलेगा।