कहा -राजद व लालू प्रसाद ने कभी नहीं किया प्रयास , अब कर रहे हल्ला -गुल्ला
नवराष्ट्र मीडिया ब्यूरो
पटना : जद(यू॰) प्रवक्ता -सह- सदस्य बिहार विधान परिषद् नीरज कुमार ने बयान जारी कर कहा कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव बिहार प्रवास के दौर में अनर्गल आरोप लगाने में माहिर हैं। उन्होंने तेजस्वी यादव से कई सवाल किया है और पूछा है कि आपके कथानानुसार आपकी मां राबड़ी देवी पहली मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की मांग की ।
1. क्या इस संबंध में बिहार के हक की लड़ाई के लिए आपकी पार्टी के नेतृत्व में राजनैतिक अभियान चलाया गया था?
- क्या बिहार विधान मंडल से बिहार को विशेष दर्जा दिलाने के लिए प्रस्ताव पारित करवाय था तथा राष्ट्रीय विकास परिषद जैसी संस्था सहित अन्य फोरम पर क्रमबद्ध तरीके से इसे उठाया था ?
सच्चाई यह है कि
तेजस्वी यादव आपके पिता माननीय लालू प्रसाद ने बिहार के बंटवारे के संदंर्भ में कहा था कि बिहार का बंटवारा मेरी लाश पर होगा, लेकिन बंटवारा हुआ और उसके बाद आपके पिता लालू प्रसाद जी ने अपने आप को किंग मेकर कहकर प्रचारित करवाया, केन्द्र में मंत्री बने लेकिन बिहार को विशेष दर्जा मिले इसके लिए कोई भी पहल नहीं किया। किंग मेकर बनने का सार्मथ्य था लेकिन बिहार को विशेष दर्जा मिले इसके लिए आप सामर्थहीन रहे।
विधान पार्षद ने कहा कि वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी जब भारत सरकार के केन्द्रिय मंत्री थे, तो बिहार विभाजन के उपरांत दलगत मतभेद भूलकर, बिहार की चिंता के आलोक में माननीय सांसदों की बैँठक बुलाकर, संयुक्त ज्ञापन बनाया और सर्वदलीय प्रतिनिधि मंडल लेकर तत्तकालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को ज्ञापन दिया था ।
उस समय नीतीश कुमार के प्रयास से पुर्नगठन विधेयक में झारखंड से अलग होने के बाद बिहार की सहायता के लिए योजना आयोग के उपाध्यक्ष की सीधी देखरेख में सेल गठित किया गया, जिसके आधार पर योजना आयोग ने राष्ट्रीय सम विकास योजना के तहत प्रति वर्ष एक हजार करोड़ रूपये देने की योजना प्रारंभ हुई ।
उन्होंने कहा , नीतीश कुमार ने 24 नवंबर 2005 को पदभार ग्रहण करने के तुरंत बाद 9 दिसंबर 2005 को तत्कालीन प्रधानमंत्री को मेमोरेंडम और पत्र देकर, विशेष दर्जा एवं पैकेज की मांग की , तत्पश्चात विधान मंडल से सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित हुआ, तर्कपूर्ण दस्तावेज तैयार हुए और देश के विभिन्न फोरम पर इस सवाल को गंभीरता से उठाते रहे।उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्य हित में लगातार मुखर रहे और उस समय किंग मेकर लालू जी बिहार को विशेष दर्जा मिले जैसे विषय पर केन्द्र में मंत्री रहते हुए भी खामोश रहे।
जदयू लगातार अपने राजनैतिक अभियान में बिहार को विशेष दर्जा का सवाल सड़क से लेकर संसद तक उठा रहा है।
उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव को इस बात का एहसास होना चाहिए कि आपके पिता लालू प्रसाद को बिहार के विशेष दर्जा की तो चिंता नहीं थी, बल्कि आदत में शूमार भ्रष्टाचार की चिंता थी, फलस्वरूप आईआरसीटीसी घोटाला आपके परिवार के पाले में पड़ा।
भूमंडलीकरण के इस दौर में जब निजी निवेश विकास की धूरी बन रही है तो ऐसे में ये अहम है कि प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाए । नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार, अब उस दुदर्शा का पर्याय नहीं है जो लालू-राबड़ी के काल में था। आज प्रदेश में निजी निवेश के लिए स्वस्थ्य वातावरण की बुनियाद पड़ चुकी है और इसी बुनियाद पर विकास के ढांचे को वृहद आकार देने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में विशेष राज्य के दर्जे की मांग तेज हुई है। सच्चाई यह भी है कि देश में आज मुख्यमंत्री के नेतृत्व में बढ़ने वाले बिहार ने विकास दर के मामले में लंबे अरसे से राष्ट्रीय औसत को बरकरार रख अपनी पात्रता सिद्ध की है। इसलिए चाहे यूपीए हो अथवा एनडीए बिहारी होने के नाते हम इस सवाल को सुविधा के अनुसार नहीं बल्कि अपने अधिकार के लिए उठाते रहे हैं और उठाते रहेंगे।