विजय शंकर
पटना : कृषि मंत्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह द्वारा आज पाट विकास योजना, बीज गुणन प्रक्षेत्र तथा जैविक कोरिडोर योजना की समीक्षा वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से की गई। कृषि मंत्री ने इस बैठक में पाट विकास योजना की समीक्षा के क्रम में कहा कि जूट, मखाना एवं लीची की तरह बिहार का एक महत्वपूर्ण फसल है। जूट उत्पादन में पश्चिम बंगाल के बाद बिहार का दूसरा स्थान है।
बिहार में देश के कुल जूट उत्पादन का 30 प्रतिशत करता है। भारतीय पटसन निगम द्वारा राज्य में 07 जिलों में अवस्थित 12 विपणन केन्द्र से जूट का क्रय किया जाता है। इस फसल की महत्ता इस प्रकार से भी है कि जूट की बिक्री न्यूनत्तम समर्थन मूल्य से अधिक में की जाती है। इसलिए विभाग को जूट उत्पादन का क्षेत्र विस्तार तथा पाट विकास योजना में रिक्त पदों को यथाशीघ्र भरने की कार्रवाई मुख्यालय स्तर से की जाये। साथ ही, जूट के विपणन हेतु बाभास संभाग से लिंक किया जाये।
बीज गुणन प्रक्षेत्रों की समीक्षा के क्रम में कृषि मंत्री ने बीज गुणन प्रक्षेत्रों में गुणवत्तायुक्त बीज उत्पादन की कमियों पर अपनी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने बीज गुणन प्रक्षेत्रों पर विभिन्न फसलों के लिए निर्धारित उत्पादकता लक्ष्य से कम उत्पादन करने वाले प्रक्षेत्रों के संबंधित पदाधिकारियों एवं मुख्यालय के वरीय पदाधिकारी से कारण पृच्छा करने का निदेश दिया। श्री सिंह ने जैविक कोरिडोर योजना की समीक्षा के क्रम में कहा कि यह सरकार की बहुत ही महत्त्वकाँक्षी योजना है।
उन्होंने जैविक खेती से जुड़े किसानों को निरन्तर जैविक खेती करने के लिए समय-समय पर किसान चौपाल, सेमिनार एवं प्रशिक्षण के माध्यम से क्षमता संवर्द्धन कराने का निदेश दिया। उन्होंने किसानों के जैविक उत्पाद के विपणन एवं ब्रांडिंग की व्यवस्था करने का निदेश दिया। जैविक कोरिडोर योजना से संबंधित राज्य के 13 जिलों के अतिरिक्त अन्य जिलों में भी जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए व्यक्तिगत किसान समूह, वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन एवं बायो फर्टिलाईजर के निर्माण करने की योजना को क्रियान्वित की जाये।
इस बैठक में सचिव, कृषि विभाग डा. एन. सरवण कुमार, कृषि निदेशक आदेश तितरमारे, निदेशक, भूमि संरक्षण बैंकटेश नारायण सिंह, संयुक्त निदेशक (शष्य) फसल एवं प्रक्षेत्र अरविन्द शर्मा, संयुक्त निदेशक (शष्य), जूट, पूर्णियां संजय कुमार, ने भाग लिया।