राजस्व विभाग ने सभी कर्मचारियों से किया जवाब तलब

नव राष्ट्र मीडिया न्यूज

पटना।विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त का कार्य अधिनियम एवं नियमावली के आलोक में किया जाने वाला एक समयबद्व कार्यक्रम है इस की प्रगति में कर्मियों के हड़ताल के कारण आ रही बाधा के आलोक में कार्यरत लगभग 500 से अधिक विशेष सर्वेक्षण कर्मियों से भू-अभिलेख एवं परिमाप, निदेशालय द्वारा कारण पृच्छा की गई है। विशेष सर्वेक्षण कर्मियों से हड़ताल समाप्ति की अपील राज्य के 20 जिलों के 89 अंचलों के 208 शिविर में कार्यरत 2729 विशेष सर्वेक्षण अमीन, 282 कानूनगो एवं 164 विशेष सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारियों द्वारा दिनांक- 10 जनवरी से विशेष सर्वेक्षण कार्य के बहिष्कार एवं हड़ताल को समाप्त करने की दिशा में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, बिहार, पटना के सचिव, श्री जय सिंह द्वारा दिनांक- 16. जनवरी को अरवल जिले में कार्यरत कर्मियों के प्रतिनिधियों से वार्ता की गई। सचिव महोदय द्वारा कर्मियों को इस तथ्य से अवगत कराया गया कि बिहार विशेष सर्वेक्षण संविदा कर्मी संघ द्वारा अपनी मांगों के सम्बन्ध में पत्र दिए जाने के पश्चात् अल्प सूचना पर शनिवार एवं रविवार के अवकाश को ध्यान में रखे बिना दिनांक- 10 जनवरी से कार्य का बहिष्कार किया जाना एवं दिनांक-12 जनवरी से हड़ताल करते हुए विशेष सर्वेक्षण जैसे महत्त्वपूर्ण कार्य को बाधित किया जाना पूर्णतया अव्यावहारिक एवं कार्यरत कर्मियों के हित के विरूद्ध है। साथ ही संघ एवं कर्मियों द्वारा अपने पदाधिकारियों को अपनी मांगों से अवगत भी नहीं कराया गया। जून, 2022 में कर्मियों द्वारा की गई हड़ताल के पश्चात् कर्मियों की यथोचित मांगों यथा विभिन्न प्रकार के अवकाश की सुविधा शिविर स्तरीय सुविधाओं की बहाली, सेवा अभिलेख का संधारण इंटरनेट आदि के लिए व्यय का भुगतान इत्यादि के सम्बन्ध में निदेशालय के स्तर से सार्थक पहल की गई है तथा सेवा के स्थायीकरण, 60 वर्ष तक सेवा-अवधि का निर्धारण, पदनाम में परिवत्र्तन इत्यदि जो विशेष सर्वेक्षण संविदा कर्मी नियमावली के अनुकूल नहीं हैं के संबंध में समय-समय पर अवगत कराया गया है। कर्मियों की राज्य सरकार के स्तर से पूरी की जाने वाली मांगों यथा संविदा कर्मियों के लिए यात्रा भत्ता की अनुमान्यता, वेतन वृद्धि इत्यादि के लिए राज्य सरकार से अनुरोध किया जा रहा है। सचिव, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा सभी कर्मियों से तुरंत अपने कार्य पर वापस लौटने की अपील की गई। साथ ही हड़ताल कर रहे कर्मियों को यह भी बताया गया कि राज्य सरकार की अति महत्वपूर्ण विशेष सर्वेक्षण योजना को बाधित करने के कारण कर्मियों को दंडित भी किया जा सकता है।

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